भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि जब भी तरलता की जरूरत होगी केंद्रीय बैंक उसे पूरा करने के लिए कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि तरलता के कारण 'नुकसान' होने नहीं दिया जाएगा और सावधानी के साथ उपायों को लागू किया जाएगा. दास ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमईज) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि आरबीआई को वर्तमान तरलता की स्थिति का 'अंदाजा' है और बैंक ने ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओज) के जरिए 60,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी बाजार में डाली है.
उन्होंने कहा, "तरलता के मुद्दे को लेकर मैं यह कहना चाहूंगा कि यह कुछ ऐसा है, जिस पर आरबीआई लगातार नजर रखता है और जब भी जरूरत होती है, कदम उठाता है, ताकि तरलता की कमी से निपटा जा सके."
उन्होंने आगे कहा, "इसके साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आरबीआई ऐसी स्थिति नहीं चाहता है कि तरलता की कमी के कारण नुकसान होने लगे. तरलता बढ़ाने के उपाय बहुत ही सावधानीपूर्वक किए जाते हैं और यह जरूरत के मुताबिक ही किया जाता है. क्योंकि तरलता की अधिकता से भी बुरा असर होता है."
दास ने आगे कहा कि वह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीज) से मुंबई में मंगलवार को मुलाकात करेंगे.
Source : News Nation Bureau