चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी तक का वित्तीय घाटा 9,37,868 करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वर्ष के संशोधित बजट अनुमान का 58.9 प्रतिशत है।
वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी मासिक आंकडों के अनुसार, सरकार की कुल राजस्व प्राप्ति 18,71,516 करोड़ रुपये रही जबकि कुल व्यय 28,09,384 करोड़ रुपये रहा।
वित्तीय घाटा सरकार की कुल राजस्व प्राप्ति और कुल व्यय का अंतर होता है। जब सरकार का व्यय आमदनी से अधिक होता है, तो वित्तीय घाटा होता है।
इस तरह से समीक्षाधीन अवधि में सरकार का वित्तीय घाटा 9,37,868 करोड़ रुपये रहा।
गत वित्त वर्ष की समान अवधि में वित्तीय घाटा पूरे वर्ष के संशोधित अनुमान का 66.8 प्रतिशत रहा था।
इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि राजस्व प्राप्तियों में 48 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी, राजस्व व्यय में 10 प्रतिशत की तेजी और पूंजीगत व्यय में 22 प्रतिशत की बढ़त के साथ चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा अप्रैल-जनवरी के दौरान पूरे वर्ष के बजट अनुमान के 59 प्रतिशत पर रहा।
उन्होंने कहा कि सरकार का राजस्व व्यय जनवरी में तेजी से 30 प्रतिशत बढ़ गया जबकि पूंजीगत व्यय जनवरी 2021 की तुलना में छह प्रतिशत कम रहा। फरवरी -मार्च 2022 के दौरान व्यय के लिये 1.6 ट्रिलियन रुपये बचे हैं इसीलिये यह असंभव लग रहा है कि वित्त वर्ष 22 के लिये किया गया छह ट्रिलियन का पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान पूरा होगा।
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Source : IANS