नोटबंदी के बाद कंपनियों की तरफ से बड़े पैमाने पर काले धन को सफेद करने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए अभी तक करीब ढाई लाख कंपनियों को बंद कर दिया गया है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, '2.24 लाख शेल कंपनियों के पंजीकरण को रद्द किया जा चुका है, जो दो या अधिक साल तक ऐसे ही पड़ी हुई थी।'
कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय ने बताया कि 56 बैंकों से मिली जानकारी के आधार पर प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों से नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए।
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 8 नवंबर 2016 को एक कंपनी का खाता नेगेटिव में था, लेकिन नोटबंदी के बाद इस कंपनी के खाते से 2,484 करोड़ रुपये जमा किए और निकाले गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को काले धन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का दावा करते हुए 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था।
इनमें से कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की जा चुकी है, जिसमें इनके खातों को फ्रीज करना और इनके द्वारा संपत्तियों के ट्रांसफर पर लगाई गई रोक शामिल है। इसके साथ ही राज्य सरकारों को ऐसे लेन-देन को प्रतिबंधित करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि निष्क्रिय पड़ी कंपनियों के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स काम कर रही है, जो सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है।
इससे पहले मंत्रालय ऐसे कंपनियों के खिलाफ पहले चरण की बड़ी कार्रवाई कर चुका है। इस कार्रवाई के तहत 3.09 लाख कंपनियों के डायरेक्टर्स को अयोग्य करार दिया जा चुका है, जिन्होंने तीन वित्तीय वर्ष तक अपनी वित्तीय जानकारी साझा नहीं की थी।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी के बाद 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों से नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपये जमा किए गए और निकाले गए
- 8 नवंबर 2016 को काले धन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का दावा करते हुए 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था
Source : News Nation Bureau