केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज (Coronavirus Relief Package) को लेकर शिव सेना (Shiv Sena) ने सरकार ऊपर तीखा हमला बोल दिया है. शिवसेना ने देश में जारी आर्थिक संकट (Economic Crisis) के लिए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी और कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए लॉकडाउन को गलत तरीके से लागू करने के कारण मौजूदा हालात पैदा हुए हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को सिर्फ चार घंटे की नोटिस पर 21 दिन के लॉकडाउन का किया था ऐलान
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा गया है कि 13 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि देश में स्वास्थ्य संबंधी कोई आपातकाल नहीं है, जबकि 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया और 24 मार्च को सिर्फ चार घंटे की नोटिस पर 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की. भाजपा की पूर्व सहयोगी पार्टी ने कहा कि उस दिन शुरु हुई अव्यवस्था और अनिश्चितता आज भी जारी है.
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केंद्र के खजाने में मुंबई से आता है कम से कम 22 प्रतिशत राजस्व
संपादकीय में कहा गया कि यह वक्त की मांग है कि केंद्र इस संकट के दौरान राज्यों के साथ मजबूती से खड़ा रहे. संपादकीय में कहा गया कि केंद्र के खजाने में कम से कम 22 प्रतिशत राजस्व मुंबई से आता है, लेकिन केंद्र राज्यों की मदद करने के लिए तैयार नहीं है. अखबार ने कहा कि केंद्र ने लॉकडाउन के दौरान 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की, लेकिन यह एक रहस्य है कि यह राशि कहां गई.