भारत की GDP गिरने का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. ये कहना है कि IMF की चीफ इकोनोमिस्ट गीता गोपीनाथ का. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि विश्व अर्थशास्त्र में भारत की काफी अहम भूमिका है. अगर भारत की GDP गिरती है तो इसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक विकास पर पड़ेगा.
गीता गोपीनाथ का कहना है कि इसी के चलते हमने ग्लोबल अनुमान को भी 0.1 फीसदी कम किया है. बता दें, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बार चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ को तगड़ा झटका दिया है. उसने 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 4.8 फीसदी पर ला पटका है. हालांकि 2020 में जीडीपी दर को 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. इस तरह से देखा जाए तो आईएमएफ ने 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है.
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दावोस में जारी किया अनुमान
आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया. आईएमएफ ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया. उसका कहना है कि घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक कमी आई है. साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है.
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आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में भारत में आर्थिक मंदी की वजह से वैश्विक आर्थिक वृद्धि अनुमानों में 0.1 फीसदी की कटौती की गई. इसमें 2021 के वैश्विक आर्थिक अनुमानों में 0.2 फीसदी की कटौती कर 3.4 फीसदी कर दिया गया है