Advertisment

भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे सरकार: सी रंगराजन

सी. रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आगर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना चाहती है तो निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे सरकार: सी रंगराजन

सी रंगराजन (फाइल फोटो)

Advertisment

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने भारत की गिरती अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। सी. रंगराजन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आगर अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना चाहती है तो निजी निवेश के बढ़ावे पर ध्यान दे।

एसोचैम द्वारा आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण शिखर सम्मेलन से अलग बातचीत में रंगराजन ने कहा, 'अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सरकार को प्रोत्साहन पैकेज के साथ-साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने की खातिर पूंजी व्यय (कैपिटल एक्सपेंडीचर) बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए।'

आगे उन्होंने कहा, 'मेरी राय में पैकेज का इस्तेमाल सरकार के पूंजीगत व्यय को आंशिक तौर पर बढ़ाने के लिए होना चाहिए, लेकिन जिस भी तरह से यह निजी निवेश को बढ़ावा दे, वही उपयुक्त तरीका होगा।'

रंगराजन ने कहा, 'ज्यादा गंभीर बात यह है कि निजी निवेश गिरा है। वास्तविकता यह है कि पूंजी पर सार्वजनिक व्यय में कुछ मामूली वृद्धि हुई है। इसलिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा उन समस्याओं के समाधान का है, जो निजी निवेश को बढ़ने से रोक रही हैं।'

कर्ज़ में डूबे बैंको को उबारने के लिए साधन जुटा रही है केंद्र सरकार

उन्होंने सुझाव दिया कि दो चीजें की जा सकती हैं। कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं, और यह सुनिश्चित किया जाए कि रुकी परियोजनाएं सक्रिय हों। दूसरा, बैंकिंग प्रणाली के पुनर्पूजीकरण की जरूरत है, ताकि निवेश के लिए अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराया जा सके।

उन्होंने कहा, 'अभी बैंकों को कर्ज देने में सक्षम होने की जरूरत है।'

प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व में चेयरमैन रहे रंगराजन ने जीडीपी वृद्धि में गिरावट के लिए नोटबंदी व नई शुरू की गई वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा, 'मंदी के कारणों में कुछ अस्थायी व क्षणिक कारक हैं, जैसे जीएसटी का क्रियान्वयन और नोटबंदी। इसलिए मेरा मानना है कि यदि आप इस पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि चौथी तिमाही व पहली तिमाही लगभग एक जैसे रहे हैं -5.6 फीसदी व 5.7 फीसदी। मेरे लिए यह निम्नतम बिंदु पर पहुंच चुका है। अब इसमें तेजी आएगी।'

वाराणसी में बोले मोदी, हम ऐसे पीएम जो खुद शिलान्यास करते हैं और खुद ही उद्घाटन भी

जीएसटी पर उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा तरीका है। उन्होंने कहा कि क्रियान्वयन के बाद हमेशा प्रांरभ में समस्याएं रहेंगी।

उन्होंने कहा, 'कर सुधार के मामले में यह बड़ा कदम है। मुझे नहीं लगता कि सरकार को अब इसमें देरी करनी चाहिए थी।'

कालेधन के खिलाफ नोटबंदी की मुहिम पर रंगराजन ने कहा कि अधिकारियों को नोटबंदी जैसी बड़े स्तर की मुहिम के लिए अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए थी, ताकि नतीजे ज्यादा बेहतर होते।

चीन की पाकिस्तान को नसीहत, भारत से बातचीत के जरिये सुलझाए कश्मीर मुद्दा

Source : News Nation Bureau

Modi Government Reserve Bank Of India Indian economy C Rangarajan
Advertisment
Advertisment
Advertisment