Economic Slowdown: देश के मौजूदा आर्थिक हालात अच्छे नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) तक ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. IMF ने कहा है कि कॉर्पोरेट, पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है. वहीं दूसरी ओर कई अन्य घरेलू और विदेशी एंजेसियों ने भी मंदी के संकेत दिए हैं. इन सब हालातों के बीच देश के वरिष्ट वकील भी अब मंदी की बात को खुलेतौर पर स्वीकार करने लग गए हैं.
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2012 में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से बिगड़े हालात
ताजा मामले में देश के वरिष्ट वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) के लिए सुप्रीम कोर्ट (SC) को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरीश साल्वे का कहना है कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2G स्पेक्ट्रम केस मामले में 122 लाइसेंस को रद कर दिया था. 2012 में ही कोयले की खदानों के आवंटन को भी सुप्रीम कोर्ट ने रद किया था. इन सब फैसलों की वजह से अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ा है.
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हरीश साल्वे का कहना है कि 'मैं मानता हूं कि जो लोग 2जी में गलत तरीके से लाइसेंस देने के लिए ज़िम्मेदार हैं उन पर नियंत्रण लगाया जाए, लेकिन एक साथ सभी लाइसेंस को रद करना सही फैसला नहीं था. वह भी तब जब विदेशी निवेश भी हो. देखिये जब कोई विदेशी निवेश करता है तो यह नियम है कि उसके साथ एक भारतीय साझेदार होना चाहिए, लेकिन विदेशी निवेशकों को ये नहीं मालूम था कि उनके भारतीय पार्टनर को लाइसेंस कैसे मिला.' उन्होंने कहा कि व्यवसायिक मामलों को देखने में सुप्रीम कोर्ट का रुख अनिश्चित है. यही वजह है कि निवेशकों के मन में गहरी चिंताएं बनी हुई हैं.