टाटा ग्रुप से साइरस मिस्त्री की छुट्टी के बाद अब नुस्ली वाडिया को कुर्सी गंवानी होगी। टाटा स्टील लिमिटेड के सदस्यों ने 90.80 प्रतिशत मतों से नुस्ली वाडिया को हटाने का प्रस्ताव रखा है। बयान के मुताबिक, 'संस्थागत और खुदरा दोनों शेयरधारकों ने उनके खिलाफ सभी श्रेणियों में तीन चौथाई बहुमत के साथ वोट किया है।'
टाटा स्टील लिमिटेड के सदस्यों की बैठक के बाद नुस्ली वाडिया ने कहा, 'मुझे हटाने के लिए टाटा संस ने झूठे और आधारहीन आरोप लगाए गए हैं।'
नुस्ली वाडिया को टाटा स्टील के स्वतंत्र निदेशक के पद से हटाने के लिए बुधवार को ईजीएम (एक्स्ट्रा जनरल बॉडी मीटिंग) की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में नुस्ली वाडिया शामिल नहीं हुए थे।
उन्होंने बैठक से पहले कहा था, 'मैं रहूं या जाऊं, लेकिन किसी भी संस्था के स्टेकहोल्डर्स के सेफगार्ड के लिए सेबी और कनून के मुताबिक बनाए गए स्वतंत्र निदेशक के पद गरिमा बनी रहनी चाहिए।'
टाटा स्टील के डायरेक्टर पद से हटाए जाने से पहले नुस्ली वाडिया ने पिछले हफ्ते टाटा ग्रुप के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का केस फाइल किया था। उन्होंने ग्रुप से मानहानि के एवज में 3 हजार करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है।
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वाडिया ने शेयरधारकों को प्रोपोजल के विरोध में वोट डालने को कहा था। वाडिया टाटा संस के निदेशक रहे साइरस मिस्त्री का समर्थन कर चुके हैं।
Source : News Nation Bureau