भारतीय बैंकिंग संकट दूर करने को लेकर पूर्व RBI डेप्युटी गवर्नर ने दिया यह फॉर्मूला

रिजर्व बैंक के पूर्व डेप्युटी गवर्नर एसएस मुंदड़ा ने कहा कि सरकारी बैंकों के लिए एक होल्डिंग कंपनी बनाने का यह सही समय है।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
भारतीय बैंकिंग संकट दूर करने को लेकर पूर्व RBI डेप्युटी गवर्नर ने दिया यह फॉर्मूला

फाइल फोटो

Advertisment

नकदी की तंगी और धोखाधड़ी से जूझ रहे भारतीय बैंकिंग सेक्टर के बेहतर मैनेजमेंट के लिए एक बार फिर होल्डिंग कंपनी की चर्चा होने लगी है।

रिजर्व बैंक के पूर्व डेप्युटी गवर्नर एसएस मुंदड़ा ने कहा कि सरकारी बैंकों के लिए एक होल्डिंग कंपनी बनाने का यह सही समय है।

गौरतलब है कि सरकारी बैंकों के लिए होल्डिंग कंपनी बनाने पर चर्चा लंबे समय से हो रही है। पिछले 2 दशकों में इसको लेकर कई बार प्रपोजल पेश किया गया, लेकिन पूर्व फाइनैंस सेक्रटरी आरएस गुजराल की अगुवाई वाली एक कमिटी सहित कई जानकारों ने होल्डिंग कंपनी को लेकर चिंताएं जाहिर कीं और इस कारण अब तक बात आगे नहीं बढ़ सकी।

मुंदड़ा ने शुक्रवार रात एक कार्यक्रम में कहा, 'बैंकों के लिए एक होल्डिंग कंपनी बनाने पर चर्चा के लिए यह सही समय है। इस प्रकार की होल्डिंग कंपनी में शुरुआत में सरकार की ज्यादा हिस्सेदारी होनी चाहिए और कंपनी के पास अलग-अलग बैंक की ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए।'

मुंदड़ा ने बैंकों के निजीकरण को लेकर कहा कि भारत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति इसके लिए फिलहाल ठीक नहीं है।

और पढ़ें- हिंद महासागर में चीन का दबदबा घटाने के लिए साथ काम करेंगे भारत-फ्रांस

उन्होंने कहा, 'दूसरे चरण में सरकार को कंपनी में हिस्सेदारी कम कर देनी चाहिए। मेरा मानना है कि यह एक रूपरेखा हो सकती है और इसमें 15 से 20 साल लग सकते हैं।'

एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार के बयान पर सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि बैकिंग व्यवस्था में सुधार के लिए निजीकरण कोई रामबाण उपाय नहीं है, यह पूरी तरह से स्पष्ट है।

कुमार ने अपने बयान में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए परिस्थितियां सही नहीं हैं।

एक चर्चा के दौरान कुमार ने देश की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक स्थिति का हवाला दिया और कहा कि यह निजीकरण के लिए सही समय नहीं है। हो सकता है 20 साल बाद आपके पास इसके लिए सही समय हो।

और पढ़ें- नोटबंदी पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, कहा- मैं होता पीएम तो कूड़े में फेक देता फ़ाइल

क्या होता है होल्डिंग कंपनी का मतलब 

बैंकर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है सरकारी खजाने से बैंकों में पैसा लगाना आसान नहीं होता। ऐसे में सरकार का पब्लिक सेक्टर बैंकों में 51 पर्सेंट मिनिमम होल्डिंग रखने का कोई तुक नहीं बनता। 

इस सेक्टर में रिफॉर्म के लिए एक होल्डिंग कंपनी बनाने का सुझाव दिया जाता है, जिसके पास सरकार सभी बैंकों के अपने शेयर रखे। होल्डिंग कंपनी का इस्तेमाल बैंकों के लिए पैसा जुटाने की खातिर किया जा सकता है।

और पढ़ें- माणिक सरकार पर बीजेपी का हमला, कहा- क्वार्टर की ठीक से करें सफाई, निकला था नरकंकाल

Source : News Nation Bureau

INDIA sbi PNB RBI PNB Fraud Rajnish Kumar NPA ss mundra
Advertisment
Advertisment
Advertisment