रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से खाद्य संकट गहरायेगा

रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से खाद्य संकट गहरायेगा

author-image
IANS
New Update
Ukraine war

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग ने वैश्विक स्तर पर खाद्य आपूर्ति के लिये भी नयी बाधायें पैदा कर दी हैं, जिससे खाद्य संकट और अधिक गहरायेगा।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की बड़ी उर्वरक कंपनियों में शुमार यारा इंटरनेशनल के प्रमुख स्वेन टोर होल्स्टर का कहना है कि आज के समय खेती बहुत अधिक हद तक उर्वरक पर निर्भर है।

स्वेन ने कहा कि दुनिया की अधिकांश आबादी की थाली में खाना इसीलिये पहुंच पाता है कि किसान उर्वरक का उपयोग करते हैं। अगर किसान कुछ फसलों में उर्वरक का इस्तेमाल न करें तो फसल का उत्पादन 50 फीसदी से अधिक घट सकता है।

उन्होंने कहा कि पहले से ही दुनिया में खाद्य संकट से करोड़ों लोग जूझ रहे हैं। गत दो साल के दौरान यानी कोरोना महामारी के कारण इस सूची में 10 लाख से अधिक लोग और जुड़ गये हैं, जिन्हें भूखे पेट सोना पड़ता है। ऐसी हालत में इस जंग ने और भी मुश्किलें पैदा कर दी हैं।

उन्होंने कहा कि मेरे लिये यह कोई मामला नहीं है कि हम वैश्विक खाद्य संकट की ओर आगे बढ़ रहे हैं, मामला यह है कि यह संकट कितना बड़ा होगा।

स्वेन ने कहा कि इस युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गयी है। हम खेती के इस मौसम में दुनिया के अधिकतर हिस्सों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जहां जल्द ही उर्वरकों की खेप पहुंचायी जानी चाहिये।

स्वेन की आशंकायें निराधार नहीं है। उन्होंने कहा कि गैस की थोक कीमतों में तेजी के कारण उर्वरकों के दाम बढ़ रहे हैं और इसके अलावा उर्वरक के उत्पादन के लिये जरूरी पोटाश और फॉस्फेट की आपूर्ति पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि रूस ही इनका बहुत बड़ा उत्पादक है।

उन्होंने चेतावनी दी कि स्थितियां हर घंटे बदल रही हैं और मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।

स्वेन की कंपनी भी उर्वरक उत्पादन के लिये अधिकतर कच्चा माल रूस से ही खरीदती है।

गौरतलब है कि रूस और बेलारूस पोटाश के सबसे बड़े निर्यातक हैं लेकिन यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के कारण पोटाश की आपूर्ति संकट में पड़ गयी है। यूक्रेन भी पोटाश का निर्यात करता है।

भारत भी इस आपूर्ति संकट से अछूता नहीं रह सकता है क्योंकि भारत के कुल उर्वरक आयात का 10 से 12 फीसदी हिस्सा रूस, यूक्रेन और बेलारूस का है। इस युद्ध से पहले भारत रूस के बंदरगाहों के जरिये बेलारूस का पोटाश लाने की योजना बना रहा था, लेकिन प्रतिबंधों के कारण यह योजना खटाई में पड़ती दिख रही है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment