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Coronavirus (Covid-19): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सरकारी बैंकों के साथ होने वाली बैठक स्थगित

Coronavirus (Covid-19): निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में आज दोपहर 3 बजे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Bank-PSB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ होने वाली समीक्षा बैठक स्थगित हो गई है.

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Dhirendra Kumar
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Nirmala Sitharaman

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Coronavirus (Covid-19): वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में आज दोपहर 3 बजे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Bank-PSB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ होने वाली समीक्षा बैठक स्थगित हो गई है. बता दें कि इस समीक्षा बैठक में कर्ज के उठाव की स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद थी. गौरतलब है कि यह बैठक कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के प्रयासों का हिस्सा थी.

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रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को रेपो रेट 0.75 फीसदी घटाया
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने 27 मार्च को अपनी नीतिगत ब्याज दर (रेपो दर) में 0.75 प्रतिशत की बड़ी कटौती की थी. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों से लॉकडाउन से प्रभावित कर्जदारों किस्त चुकाने में तीन महीने तक किस्तों के भुगतान में राहत देने की भी घोषणा की थी. इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. उन्होंने बैठक में आर्थिक स्थिति का जायजा लिया था तथा केंद्रीय बैंक द्वारा घोषित विभिन्न मोहलत देने जैसे सहायता के उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा की थी.

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बता दें कि वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को कहा था कि रिजर्व बैंक द्वारा घोषित ‘तीन महीने तक कर्ज की किस्तों के भुगतान से राहत’योजना के तहत 3.2 करोड़ कर्जदारों ने लाभ उठाया है. उन्होंने ट्वीट किया था कि पीएसबी ने आरबीआई की सिफारिशों के अनुसार कर्ज की किस्तें चुकाने से राहत देने का काम पूरा कर लिया है. इस लाभ को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाये जाने से 3.2 करोड़ से अधिक खातों को तीन महीने की राहत मिल पाना सुनिश्चित हुआ. संदेहों के त्वरित समाधान ने ग्राहकों की चिंता दूर की. इससे लॉकडाउन के दौरान जिम्मेदार बैंकिंग सुनिश्चित हुआ.

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सीतारमण ने यह भी कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मार्च-अप्रैल के दौरान 5.66 लाख करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किये हैं. लॉकडाउन हटाये जाने के तुरंत बाद इनका वितरण शुरू हो जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ेंगी. उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एनबीएफसी और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को निरंतर ऋण प्रवाह बनाये रखने में मदद करने के लिये एक मार्च से चार मई के बीच 77,383 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी. इसके अलावा, लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के तहत, कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण की व्यवस्था "व्यापार स्थिरता और निरंतरता को सुनिश्चित करने" के लिये की गयी. (इनपुट भाषा)

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