भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा भारत सरकार को पैसा वापस करने की अपील को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं माल्या का कहना है कि उन्होंने जो कुछ भी बोला है वो कोर्ट के समक्ष बोला है इसलिए झूठ का सवाल ही नहीं उठता. ब्रिटेन कोर्ट में सुनवाई से पहले विजय माल्या ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'मैने जो कुछ भी कहा है वह कोर्ट के समक्ष कहा है ऐसे में अदालात की अवमानना का सवाल ही नहीं है.' दरअसल मीडिया ने माल्या से पूछा था कि उनके द्वारा रखा गया प्रस्ताव वास्तविक है.'
बता दें कि विजय माल्या भारत के कई बैंकों से लगभग 9 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ लेकर फ़रार हो गया है. विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई होनी है. इससे पहले रविवार को सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में ब्रिटेन रवाना हुई थी.
बता दें कि साल 2017 के अंत में भारत ने माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कानूनी कार्यवाही शुरू की थी और मामले में अंतिम फैसला अभी भी लंबित है. विजय माल्या वर्तमान में लंदन में जमानत पर है. अदालत 10 दिसंबर को इस पर अपना फैसला सुनाने वाली है.
माल्या ने ट्वीट किया, 'विमानन कंपनियां एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) की ऊंची कीमतों की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं. किंगफिशर एक शानदार विमानन कंपनी थी, लेकिन तब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी. इससे कंपनी का घाटा बढ़ा और साथ-साथ बैंकों का कर्ज भी. मैंने उन्हें पूरा मूलधन लौटाने का ऑफर दिया है. कृपया स्वीकार करें.'
किंगफिशर के कर्ज के भुगतान नहीं करने की शुरुआत 2009-10 से हुई.
राजनीतिक दलों व मीडिया द्वारा खुद पर बैंकों का पैसा लेकर भाग जाने के आरोपों की निंदा करते हुए माल्या ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं.
माल्या ने कहा, 'राजनेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे डिफाल्टर बता रहे हैं, जो बैंकों का पैसा लेकर भाग गया. यह सब झूठ है. मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता है और मेरे द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए गए व्यापक अदायगी प्रस्ताव पर इतने ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं की जाती. यह सब दुखद है.'
और पढ़ें- अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: CBI ने मांगी और 9 दिनों की रिमांड, मिशेल के वकील ने दायर की नई जमानत याचिका
माल्या ने कर्ज का मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया
विजय माल्या ने बुधवार को बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं करने के मामले में बैंक कर्ज के मूलधन का 100 फीसदी चुकाने का प्रस्ताव दिया. विजय माल्या ने यह प्रस्ताव अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को भारत पूछताछ के लिए लाए जाने के बाद अपने प्रत्यर्पण की आशंकाओं के बीच दिया है.
माल्या का यह प्रस्ताव अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिए व ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के दुबई से भारत को प्रत्यर्पित किए जाने और मंगलवार देर शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के एक दिन बाद आया है.
भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर मीडिया में चल रहीं अटकलों पर माल्या ने कहा, 'मैं मीडिया में मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर त्वरित अटकलों को देख रहा हूं. यह अलग है और यह कानूनी प्रक्रिया के तहत होगा.'
और पढ़ें- केंद्र से इस्तीफा देने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने दिखाए तेवर, बोले- बिहार की उम्मीद पर खरे नहीं उतरे पीएम मोदी
माल्या ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सार्वजनिक धन है और मैं 100 फीसदी लौटाने का प्रस्ताव दे रहा हूं. मैंने विनम्रतापूर्वक बैंकों व सरकार से इसे लेने का आग्रह किया है. अगर इस भुगतान को लेने से इनकार किया जाता है, तो सवाल उठता है क्यों?'
Source : News Nation Bureau
कर्ज लौटाने का प्रस्ताव कोर्ट में दिया है इसलिए झूठ का सवाल ही नहीं उठता: विजय माल्या
भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा भारत सरकार को पैसा वापस करने की अपील को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं माल्या का कहना है कि उन्होंने जो कुछ भी बोला है वो कोर्ट के समक्ष बोला है इसलिए झूठ का सवाल ही नहीं उठता.
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भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा भारत सरकार को पैसा वापस करने की अपील को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं माल्या का कहना है कि उन्होंने जो कुछ भी बोला है वो कोर्ट के समक्ष बोला है इसलिए झूठ का सवाल ही नहीं उठता. ब्रिटेन कोर्ट में सुनवाई से पहले विजय माल्या ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'मैने जो कुछ भी कहा है वह कोर्ट के समक्ष कहा है ऐसे में अदालात की अवमानना का सवाल ही नहीं है.' दरअसल मीडिया ने माल्या से पूछा था कि उनके द्वारा रखा गया प्रस्ताव वास्तविक है.'
बता दें कि विजय माल्या भारत के कई बैंकों से लगभग 9 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ लेकर फ़रार हो गया है. विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई होनी है. इससे पहले रविवार को सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में ब्रिटेन रवाना हुई थी.
बता दें कि साल 2017 के अंत में भारत ने माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण की कानूनी कार्यवाही शुरू की थी और मामले में अंतिम फैसला अभी भी लंबित है. विजय माल्या वर्तमान में लंदन में जमानत पर है. अदालत 10 दिसंबर को इस पर अपना फैसला सुनाने वाली है.
माल्या ने ट्वीट किया, 'विमानन कंपनियां एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) की ऊंची कीमतों की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं. किंगफिशर एक शानदार विमानन कंपनी थी, लेकिन तब कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई थी. इससे कंपनी का घाटा बढ़ा और साथ-साथ बैंकों का कर्ज भी. मैंने उन्हें पूरा मूलधन लौटाने का ऑफर दिया है. कृपया स्वीकार करें.'
किंगफिशर के कर्ज के भुगतान नहीं करने की शुरुआत 2009-10 से हुई.
राजनीतिक दलों व मीडिया द्वारा खुद पर बैंकों का पैसा लेकर भाग जाने के आरोपों की निंदा करते हुए माल्या ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं.
माल्या ने कहा, 'राजनेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे डिफाल्टर बता रहे हैं, जो बैंकों का पैसा लेकर भाग गया. यह सब झूठ है. मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता है और मेरे द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किए गए व्यापक अदायगी प्रस्ताव पर इतने ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं की जाती. यह सब दुखद है.'
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माल्या ने कर्ज का मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया
विजय माल्या ने बुधवार को बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान नहीं करने के मामले में बैंक कर्ज के मूलधन का 100 फीसदी चुकाने का प्रस्ताव दिया. विजय माल्या ने यह प्रस्ताव अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को भारत पूछताछ के लिए लाए जाने के बाद अपने प्रत्यर्पण की आशंकाओं के बीच दिया है.
माल्या का यह प्रस्ताव अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के बिचौलिए व ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के दुबई से भारत को प्रत्यर्पित किए जाने और मंगलवार देर शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के एक दिन बाद आया है.
भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर मीडिया में चल रहीं अटकलों पर माल्या ने कहा, 'मैं मीडिया में मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर त्वरित अटकलों को देख रहा हूं. यह अलग है और यह कानूनी प्रक्रिया के तहत होगा.'
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माल्या ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बिंदु सार्वजनिक धन है और मैं 100 फीसदी लौटाने का प्रस्ताव दे रहा हूं. मैंने विनम्रतापूर्वक बैंकों व सरकार से इसे लेने का आग्रह किया है. अगर इस भुगतान को लेने से इनकार किया जाता है, तो सवाल उठता है क्यों?'
Source : News Nation Bureau