अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर (US-China Trade War) की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के वैश्विक मंदी (Global Economic Slowdown) की चपेट में आने की आशंका बढ़ गई है. वहीं दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं ने इसके संकेत भी दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी इनवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अगले 9 महीने में मंदी आने की बात कही है. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ऊपर इस मंदी का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा.
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भारत को दिए जरूरी कदम उठाने की सलाह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मॉर्गन स्टेनली ने भारत सरकार को सतर्क रहकर मंदी पर नजर रखते हुए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है. मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर बढ़ता है. इसके अलावा भविष्य में अमेरिका द्वारा चीन के सामानों पर ड्यूटी में और बढ़ोतरी की जाती है. इन हालातों में तीन तिमाही में मंदी आने का खतरा है.
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हालांकि मॉर्गन स्टेनली ने भारत में सभी सेक्टर में मंदी की बात से इनकार किया है, लेकिन उसका मानना है कि भारत में ऑटो सेक्टर (Auto Sector) मंदी की चपेट में आ सकता है. बता दें कि मोदी सरकार जल्द ही ऑटो सेक्टर को मंदी से निकालने के लिए बड़े राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है. इसके अलावा नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) के लिए भी कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं.
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मंदी की वजह से दुनियाभर के सेंट्रल बैंक कर रहे हैं ब्याज दरों में कटौती
मंदी की आशंका को देखते हुए दुनियाभर के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछली क्रेडिट पॉलिसी (Credit Policy) में ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की कटौती की थी. भारत के अलावा अमेरिका, ब्राजील, न्यूजीलैंड और थाईलैंड भी ब्याज दरों में कटौती कर चुके हैं.
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वैश्विक मंदी की क्या है वजह
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के सुलझने की उम्मीद कम होने से मंदी की आशंका बढ़ रही है. एक्सपर्ट के मुताबिक 2020 तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस रुख पर कायम रह सकते हैं, जिसकी वजह से अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर के हालात बने रहेंगे. ऐसे में दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.