वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Niramala Sitharaman) ने राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline-NMP) का शुभारंभ कर दिया है. मोदी सरकार ने नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है. बता दें कि यह पाइपलाइन नीति आयोग द्वारा अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से विकसित की गई है जो केंद्रीय बजट 2021-22 के तहत परिसंपत्ति मुद्रीकरण से जुड़े अधिदेश पर आधारित है. एनएमपी के तहत वित्तीय वर्ष 2022 से लेकर वित्तीय वर्ष 2025 तक की चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य परिसंपत्तियों के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये की कुल मुद्रीकरण क्षमता का अनुमान लगाया गया है.
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एनएमपी पर रिपोर्ट के खंड 1 और 2 को आज उपाध्यक्ष (नीति आयोग), सीईओ (नीति आयोग) और पाइपलाइन के तहत शामिल अवसंरचना से संबंधित मंत्रालयों यथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन व प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, पोत परिवहन, पत्तन एवं जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य व सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालयों के सचिवों के साथ-साथ सचिव (आर्थिक कार्य विभाग) और सचिव (निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग) की उपस्थिति में जारी किया गया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने पाइपलाइन का शुभारंभ करते हुए कहा कि परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम हमारे माननीय प्रधानमंत्री के विजन से ही सटीक स्वरूप ले पाया है, जो सदैव भारत के समस्त आम नागरिकों के लिए बेहतरीन और किफायती बुनियादी ढांचागत सुविधाओं तक पहुंच में विश्वास करते हैं.
क्या है राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन
केंद्रीय बजट 2021-22 में स्थायी अवसंरचना निर्माण के वित्तपोषण के लिए वर्तमान में संचालित की जा रही सार्वजनिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की पहचान एक प्रमुख साधन के रूप में की गयी है. इसके लिए बजट में ब्राउनफील्ड अवसंरचना परिसंपत्तियों के सन्दर्भ में 'राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी)' तैयार करने का प्रावधान किया गया है। नीति आयोग ने अवसंरचना से जुड़े मंत्रालयों के परामर्श से एनएमपी पर रिपोर्ट तैयार की है. एनएमपी का उद्देश्य सार्वजनिक परिसंपत्ति के मालिकों के लिए इस कार्यक्रम के सन्दर्भ में एक मध्यम-अवधि रोडमैप प्रदान करना है. इसके साथ ही निजी क्षेत्र की परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग के लिए उनकी वर्तमान स्थिति तथा संभावनाओं के बारे में भी जानकारी दी गयी है. एनएमपी पर रिपोर्ट को दो खंडों में बांटा गया है. खंड-I एक मार्गदर्शन पुस्तिका के रूप में है, जिसमें परिसंपत्ति मुद्रीकरण के वैचारिक दृष्टिकोण और संभावित मॉडल का विवरण दिया गया है. खंड-II में मुद्रीकरण के लिए वास्तविक रोडमैप दिया गया है, जिसमें केंद्र सरकार के तहत मुख्य अवसंरचना परिसंपत्तियों की पाइपलाइन शामिल है.
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क्या है ढांचा
पाइपलाइन को संबंधित मंत्रालयों और विभागों से इनपुट और परामर्श के आधार पर तैयार किया गया है, साथ ही उपलब्ध कुल परिसंपत्ति का आकलन भी किया गया है. विनिवेश के माध्यम से मुद्रीकरण और गैर-प्रमुख संपत्तियों के मुद्रीकरण को एनएमपी में शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा, वर्तमान में, केवल केंद्र सरकार के मंत्रालयों और अवसंरचना से जुड़े केन्द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) की परिसंपत्तियों को शामिल किया गया है। अभी राज्यों की परिसंपत्तियों के समन्वय और आकलन की प्रक्रिया चल रही है और इन्हें उचित समय पर शामिल करने की परिकल्पना की गई है. -इनपुट पीआईबी
HIGHLIGHTS
- नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना
- एनएमपी का उद्देश्य इस कार्यक्रम के सन्दर्भ में एक मध्यम-अवधि रोडमैप प्रदान करना