सरकार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीज) और म्यूचुअल फंड्स के लिए पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आईएलएंडएफएस समूह में चल रहे कर्ज संकट से पैदा हुई अनिश्चितता को देखते हुए सोमवार को यह बात कही. जेटली ने यह आश्वासन इंफ्रास्ट्रकचर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विस लि. (आईएलएंडएफएस) संकट के बीच शुक्रवार को हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के शेयरों की जबरदस्त बिकवाली के बाद दिया है.
वित्तमंत्री ने ट्वीट किया, "सरकार एनबीएफसी, म्यूचुअल फंड्स और एसएमई को पर्याप्त तरलता मुहैया कराने/बरकरार रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी."
इस संबंध में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रविवार को कहा था कि वे वित्तीय क्षेत्र पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप के लिए तैयार हैं.
देश के सबसे बड़े सरकारी ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी रविवार को कहा था कि एनबीएफसी से कर्ज की उपलब्धता को लेकर घबराना नहीं चाहिए और उन्हें बैंक की तरफ से समर्थन जारी रहेगा.
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एसबीआई के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने एक बयान में कहा, "ऐसी चर्चा चल रही है कि एसबीआई एनबीएफसी को कर्ज देने को लेकर चिंतित है. ये आधारहीन अफवाहें हैं. एसबीआई निजी और सरकारी क्षेत्र के एनबीएफसी को नियामक नीति फ्रेमवर्क के तहत समर्थन देती है और यह जारी रहेगा."
Source : IANS