गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmark): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार सोने की शुद्धता को लेकर काफी प्रयास कर रही है. सरकार ने गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. अब बगैर हॉलमार्क की गई ज्वैलरी (Jewellery) की बिक्री नहीं की जा सकेगी. बता दें कि सोने के गहनों की हॉलमार्किंग को 14 साल पहले शुरू किया गया था. इसके तहत ज्वैलर को अपने गहनों को हॉलमार्क कराने के लिए BIS से प्रमाण पत्र लेना होता है. हॉलमार्किंग BIS के मान्यता प्राप्त केंद्रों में कराई जा सकती है.
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हॉलमार्क सोना भी हो सकता है अशुद्ध
गोल्ड हॉलमार्किंग (Gold Hallmark) के ऊपर भरोसा करने वालों के लिए बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, अगर आप हॉलमार्क युक्त सोना (Gold Rate Today) खरीद रहे हैं तो जरा ठहर जाएं क्योंकि यह सोना अशुद्ध हो सकता है. दरअसल, आगरा समेत करीब 35 शहरों में लिए गए नमूनों की जांच में अशुद्ध सोना होने की बात सामने आई है. इन सभी नमूनों की जांच में मिलावट की रिपोर्ट है.
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भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards-BIS) ने आगरा, गोरखपुर, वाराणसी, जौनपुर, मेरठ, मथुरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बड़ौत, बरेली, दिल्ली और जयपुर समेत देश के 35 शहरों से पंजीकृत ज्वैलर्स के यहां से 1,325 नमूने लिए थे. इन सभी जांच के नमूनों में से 654 शुद्धता के पैमाने पर फेल हो गए. BIS के लखनऊ और गाजियाबाद जोन कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश में 188, दिल्ली में 202, हरियामा में 112 और अन्य राज्यों में सोने के 823 नमूने लिए थे. चेन्नई और गाजियाबाद के लैब में जांच में इन सभी नमूनों में से 654 नमूने फेल हो गए. फेल होने वाले नमूनों में आगरा के 4, गोरखपुर के 3, वाराणसी के 4, गाजियाबाद के 7, मेरठ के 6 समेत उत्तर प्रदेश के 48, दिल्ली के 105, हरियाणा के 88 और जयपुर समेत राजस्थान के 152 नमूने शामिल हैं.
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BIS के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देशभर में हॉलमार्किंग के लिए पंजीकृत ज्वैलर्स के पास से सोने के नमूने लगातार लिए जा रहे हैं. बता दें कि BIS (संशोधन) विधेयक 2011 लागू होने के बाद आभूषण विक्रेताओं को ज्वैलरी की हॉलमार्किग करना अनिवार्य हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आगरा समेत देश में बिक्री की जाने वाली गैर हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी में 45 फीसदी तक अशुद्धि रहती है. अगर 13.5 फीसदी औसत अशुद्धि के आधार पर गणना करें तो फिलहाल देश में करीब 50 फीसदी गोल्ड ज्वैलरी गैर हॉलमार्क वाले बिक रहे हैं.
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खरीदार कैसे पहचानें हॉलमार्क
हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर BIS का मुहर लगा रहता है. इसके अलावा हॉलमार्क के वर्ष का भी जिक्र होता है. सोने की शुद्धता की कैरेट बताने के लिए सोने पर K लिखा होता है. 22K का मतलब 91.6 फीसदी प्योरिटी यानी 916 गोल्ड, 24 कैरेट यानी 99.9 फीसदी शुद्धता, 23 कैरेट में 95.8 फीसदी शुद्धता, 22 कैरेट यानी 91.6 फीसदी शुद्धता, 21 कैरेट यानी 87.5 फीसदी की शुद्धता, 18 कैरेट यानी 75 फीसदी की शुद्धता, 17 कैरेट यानी 70.8 फीसदी की शुद्धता और 14 कैरेट यानी 58.5 फीसदी की शुद्धता होती है.
Source : News Nation Bureau