Dhanteras Diwali Offer 2020: धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर सोने (Gold Rate Today) में खरीदारी को बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे में धनतेरस का दिन निवेश के लिए काफी अहम हो जाता है. सोने में निवेश की चाहत रखने वाले निवेशक सोने में किन तरीकों से खरीदारी कर सकते हैं. इसी की चर्चा इस रिपोर्ट में की गई है. धनतेरस के मौके पर हम आपको सोने (Live Gold Price) में निवेश के 5 बेहतरीन विकल्प बता रहे हैं, जहां निवेश करके आप अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
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सोने में इन 5 तरीके से किया जा सकता है निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond)
निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करके अच्छा मुनाफा कमा जा सकते हैं. सालाना 2.50 फीसदी ब्याज के साथ सोने की कीमतों में तेजी का फायदा गोल्ड बॉन्ड में ही मिलता है. बैंक, पोस्ट ऑफिस में सरकारी बॉन्ड उपलब्ध हैं. साथ ही BSE, NSE, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन के जरिए भी गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी की जा सकती है. इसके अलावा ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए भी गोल्ड बॉन्ड को खरीदा जा सकता है. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए ऑनलाइन भुगतान पर डिस्काउंट भी ऑफर किया जाता है. सरकार अलग-अलग किश्तों में बॉन्ड जारी करती है, तय तारीख के अंदर खरीद के लिए आवेदन करना होता है. न्यूनतम 1 ग्राम, अधिकतम 4 किलो सोने की खरीदारी की जा सकती है. गोल्ड बॉन्ड पेपर और डीमैट दोनों रूप में होते हैं.
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गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF)
डीमैट अकाउंट (Demat Account) के जरिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) की खरीद और बिक्री की जा सकती है. Gold ETF स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध रहता है. Gold ETF का भाव सोने की कीमतों पर निर्भर रहता है. हाजिर सोने के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ में एंट्री और एग्जिट अधिक आसान है.
गोल्ड फ्यूचर्स (Gold Futures)
एक्सचेंज पर ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए सोने का वायदा कारोबार किया जा सकता है. MCX, NCDEX, BSE, NSE पर सोने के वायदा कॉन्ट्रैक्ट में कारोबार किया जा सकता है. सुबह 9 से रात 11:30 बजे तक ट्रेडिंग की जा सकती है. सोने की फ्यूचर्स ट्रेडिंग लॉट में होती है. बड़ा लॉट साइज एक किलो का होता है. हालांकि पूरे कॉन्ट्रैक्ट साइज की बजाय 5-10 फीसदी मार्जिन जमा करके सोने में ट्रेडिंग की जा सकती है.
स्पॉट गोल्ड (Spot Gold)
गोल्ड बार या सोने के सिक्कों की खरीद स्पॉट गोल्ड या हाजिर सोने की खरीदारी को कहा जाता है. मार्केट में 1 ग्राम से 100 ग्राम तक का सिक्का और 10, 50, 100 ग्राम का गोल्ड बार उपलब्ध रहता है. बता दें कि गोल्ड बार या सिक्के पर प्योरिटी भी लिखी रहती है. निवेशक इसे फिजिकल फॉर्म में घर या लॉकर में भी रख सकते हैं. इसके अलावा जरूरत के समय इसे कभी भी बेचा जा सकता है. गौरतलब है कि गोल्ड बार पर कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं कटता है. वहीं सोने के सिक्के 1 फीसदी तक चार्ज कट सकता है.
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गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery)
गोल्ड ज्वेलरी खरीदने से पहले निवेशकों को सावधानी जरूरत बरतनी चाहिए. अन्यथा काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर निवेशक हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदता है तो उसे किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. दरअसल, हॉलमार्क वाली ज्वैलरी पर BIS का मुहर लगा रहता है. निवेशकों को ज्वैलर्स से गोल्ड ज्वेलरी खरीदने से पहले मेकिंग चार्ज के बारे में जरूर पूछ लेना चाहिए.