Sovereign Gold Bond Scheme 2019-20 Series VIII: सोने में निवेश की इच्छा रखने वाले निवेशकों के लिए खुशखबरी है. अब निवेशक सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के जरिए सस्ता सोना खरीद सकते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना आठवीं श्रृंखला की शुरुआत 13 जनवरी से शुरू हो चुकी है जो कि 17 जनवरी तक चलेगी. सरकार ने एक ग्राम बॉन्ड की कीमत 4,016 रुपये तय की है.
यह भी पढ़ें: Budget 2020: भारत में पहली बार किसने पेश किया था बजट, जानिए पूरा इतिहास
ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये का डिस्काउंट
ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल भुगतान करने वाले निवेशकों को प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट देने का निर्णय लिया गया है. 50 रुपये की छूट के बाद ऑनलाइन कस्टमर को 3,966 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर सोना मिलेगा. गोल्ड बॉन्ड में निवेश की अवधि 8 साल की होती है और इसके ब्याज से हुई कमाई के ऊपर टैक्स लगता है.
यह भी पढ़ें: रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के नए डिप्टी गवर्नर बने माइकल पात्रा
कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने में कर सकता है निवेश
सरकार ने सोने की मांग को कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में बदलने के उद्देश्य से सरकारी स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में की थी. गोल्ड बॉन्ड में वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में प्रति व्यक्ति न्यूनतम निवेश एक ग्राम है, जबकि अधिकतम सीमा 500 ग्राम है. व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम और ट्रस्टों और संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम रखी गई है.
यह भी पढ़ें: सोने को लेकर लोगों में क्यों है इतनी दीवानगी, जानिए इसके पीछे की असली वजह
गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है. निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा है. पूंजी और ब्याज दोनों की सरकारी (सॉवरेन) गारंटी मिलती है. इंडिविजुअल को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. कर्ज लेने के लिए गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल कोलेट्रल के रूप में किया जा सकता है. साथ ही गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस (TDS) भी नहीं कटता है.
Source : News Nation Bureau