Advertisment

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme) के नियमों में हो रहा है बदलाव, जानिए क्या होंगे फायदे

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme): मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार नई स्कीम में सभी सरकारी बैंकों के साथ-साथ ज्वैलर्स (Jewellers) को भी शामिल करने जा रही है. न्यूनतम निवेश की सीमा को 30 ग्राम से घटाकर 10 ग्राम किया जा रहा है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme)

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme)( Photo Credit : newsnation)

Advertisment

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने और बेहतर बनाने के उद्देश्य से इसके नियमों में बदलाव करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार नई स्कीम में सभी सरकारी बैंकों के साथ-साथ ज्वैलर्स (Jewellers) को भी शामिल करने जा रही है. इसके साथ ही न्यूनतम निवेश की सीमा को 30 ग्राम से घटाकर 10 ग्राम किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में सभी PSU बैंक को GMS में हिस्सा लेने की सलाह जारी की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नियमों के तहत अब सरकारी बैंकों की 1/3 शाखाओं को सर्विस ब्रॉन्च बनाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निजी बैंकों को GMS में शामिल होने की सलाह जारी की गई है, इस स्कीम के तहत बैंकों में सोने के जमा कराया जा सकता है. 

यह भी पढ़ें: आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर मिली बड़ी राहत, मुद्रास्फीति में आई गिरावट

क्या है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम
मान लीजिए कि आपके पास रखे हुए सोने का कोई भी इस्तेमाल नहीं है या फिर वह ऐसे ही रखा हुआ है, तो गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम आपके काफी काम आ सकती है. दरअसल, इस स्कीम का मुख्य मकसद लोगों के पास घरों में बेकार पड़े हुए सोने का सही इस्तेमाल करना है. बता दें कि केंद्र सरकार का इस स्कीम के जरिए मुख्य उद्देश्य बेकार पड़े सोने को सरकार के पास जमा करने के लिए प्रोत्साहित करने का है.

जमा किए गए सोने पर मिलता है सालाना ब्याज
मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत लोगों को सरकार से मान्यता प्राप्त टेस्टिंग और कलेक्शन सेंटर पर जाकर सोने को जमा करना पड़ता है. इसके तहत पहले सोने की शुद्धता की जांच करके सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. उसके बाद प्राधिकृत बैंक में गोल्ड डिपॉडिट अकाउंट खोलकर सोने को जमा कराया जा सकता है. बता दें कि आपके द्वारा जमा किए सोने पर आपको सालाना ब्याज सरकार की ओर से दिया जाता है. मैच्योरिटी पर जमा किए गए सोने के बदले में आप नगद या फिर सोना वापस ले सकते हैं. इस स्कीम में निवेशकों को फिक्स्ड रिटर्न मिलता है.

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार का तोहफा, बढ़ाई गई फैमिली भुगतान की सीमा

स्कीम में क्या है जमा की अवधि
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में छोटी अवधि से लेकर मध्यम और लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट (Gold Deposit) करने की सुविधा है. छोटी अवधि के लिए गोल्ड डिपॉजिट की अवधि 1 से 3 साल के लिए है. इस अवधि के गोल्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की दर बैंकों के ऊपर निर्भर है. वहीं दूसरी ओर मीडियम और लॉन्ग टर्म अवधि वाले गोल्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर फिक्स्ड रहता है. गोल्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को रिजर्व बैंक (RBI) तय करता है. मौजूदा समय में मीडियम टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट पर सालाना 2.25 फीसदी ब्याज मिल रहा है. मीडियम टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट की जमा अवधि 5 से 7 साल है.

वहीं लॉन्ग टर्म के लिए गोल्ड डिपॉजिट की अवधि 12 से 15 साल के लिए है और इस पर 2.5 फीसदी ब्याज है. यहां यह बताना जरूरी है कि निवेशक मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म के गोल्ड डिपॉजिट स्कीम से बाहर निकल सकते हैं. हालांकि उसके लिए निवेशकों को ब्याज पर पेनाल्टी अदा करना पड़ेगा. मीडियम टर्म के लिए लॉक-इन पीरिडयड 3 साल और लॉन्ग टर्म के लिए लॉक-इन पीरियड 5 साल है. इस स्कीम के तहत निवेशक न्यूनतम 30 ग्राम तक सोना जमा कर सकते हैं. हालांकि जमा करने की ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है.

यह भी पढ़ें: किसानों के लिए बड़ी खबर, कीटनाशकों पर GST कम करने की मांग उठी, जानिए अभी कितना है टैक्स

क्या है टैक्स के नियम
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत होने वाली आय पूरी तरह से टैक्स फ्री है. इस स्कीम के तहत जमा गोल्ड से मिलने वाले ब्याज पर किसी भी तरह का कैपिटल गेन टैक्स, वेल्थ टैक्स या इनकम टैक्स नहीं देना होता है. परिपक्वता अवधि पूरी होने पर जमा सोने के साथ-साथ ब्याज टैक्स फ्री निकाल सकते हैं. अगर आप पूरी रकम चाहते हैं तो भी कोई टैक्स देनदारी नहीं बनेगी.

गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की खामियां
दरअसल, इस स्कीम के तहत आपके द्वारा जमा किये गोल्ड को पिघलाकर सरकारी भंडार में शामिल कर लिया जाता है. ऐसे में अगर आप मैच्योरिटी के समय अपने ही सोने को वापस चाहते हैं तो भूल जाइए. उस स्थिति में सरकार की ओर से आपके द्वारा जमा किए सोने की शुद्धता के आधार पर उतनी ही मात्रा का सोना दे दिया जाता है. इस स्कीम के तहत सिर्फ शुद्ध सोने को ही जमा किया जाता है. 2015 में तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत की थी.

HIGHLIGHTS

  • सरकार गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए नियमों में करने जा रही है बदलाव 
  • केंद्र सरकार नई स्कीम में सभी सरकारी बैंकों के साथ-साथ ज्वैलर्स को भी शामिल करने जा रही है
Modi government scheme Gold Rate Today Gold Monetisation Scheme Gold Monetisation Monetisation Scheme Gold Deposit
Advertisment
Advertisment