Bullion News: अगर आप सोना (Gold Price Today) खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें. दरअसल, आने वाले दिनों में सोने की कीमतें आसमान पर पहुंचने वाली हैं. बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) ने अनुमान जताया है कि अगले डेढ़ साल में 10 ग्राम सोने के लिए निवेशकों को करीब 80 हजार रुपये तक चुकाना पड़ सकता है. बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि 2021 के आखिर तक विदेशी बाजार में सोने का दाम 3 हजार डॉलर प्रति औंस के ऊपरी स्तर तक पहुंच सकता है. जानकारों का कहना है कि अगर 3 हजार डॉलर को भारतीय रुपये में कन्वर्ट करें तो यह तकरीबन 2,28,855 रुपये के आस-पास बनता है.
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जानकारों का कहना है कि चूंकि विदेशी बाजार में सोने का भाव औंस में तय होता है और एक औंस में 28.34 ग्राम वजन आता है. बता दें कि मौजूदा समय में कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों और बॉन्ड मार्केट में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के लिए सोने को अपना साथी बना लिया है.
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47,300 से लेकर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है सोना: एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सविर्सिज
विश्व स्वर्ण परिषद के भारत स्थित प्रबंध निदेशक पी आर सोमासुदरंम ने कहा कि सोने के ऊंचे दाम, सामान की डिलीवरी में अड़चनें, शादी ब्याह को लेकर अनिश्चितता, कमाई के साधनों में कमी इस बार की अक्षय तृतीया में सोने की खरीदारी पर गंभीर प्रभाव डाला है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जब दुनिया में चौतरफा अनिश्चितता का दौर हो तो ऐसे समय सोने में आकर्षण बढ़ जाता है. एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख राहुल गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस अक्षय तृतीया पर बेशक मांग में कमी देखने को मिली है, लेकिन आने वाले समय में दाम ऊपर चढ़ेंगे. गुप्ता की राय में ‘‘बीच बीच में दाम कुछ नीचे आ सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर दाम ऊपर बने रहेंगे. घरेलू बाजार में सोना 47,300 से लेकर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण समर्थित ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट होल्डिंग में भी तेजी आ सकती है. 22 अप्रैल 2020 को इस ईटीएफ में 1,042.46 टन सोने के सौदे थे. अकेले अप्रैल में इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि हुइ है.
सोमासुदरंम ने कहा कि इस अक्षय तृतीया को स्वर्ण उद्योग में आने वाले डिजिटल बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है. नीतिगत स्तर पर इसे बेहतर भी कहा जा सकता है। यदि यह डिजिटल लेनदेन लंबे समय तक बरकरार रह सकती है तो पारदर्शिता के लिहाज से यह बेहतर बदलाव होगा साथ ही सोने के मौद्रीकरण के लिहाज से भी यह बेहतर होगा. यह काम ग्राहक के हितों को सुरक्षित रखने वाले स्वीकार्य नियामकीय ढांचे के साथ हो सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के उपाध्यक्ष (जिंस शोध) नवनीत दमाणी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता के दौर में सोने के दाम काफी आकर्षक सतर पर पहुंच गये हैं. जब भी वैश्विक अनिश्चितता बढ़ती है सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ जाती है. पहले अमेरिका- चीन के बीच व्यापार तनाव, भू- राजनीतिक तनाव, केन्द्रीय बैंकों के आक्रामक कदम तथा कई अन्य कारकों को देखते हुये सोने में मांग तेजी से बढ़ी है. (इनपुट भाषा)