संसद के शीतकालीन सत्र में आज केंद्रीय खाद्य और पीडीएस राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने लोकसभा में गोल्ड हॉलमार्किंग के बारे में बड़ी जानकारी दी है. चौबे ने बताया कि देश में अबतक 1.26 लाख ज्वेलर्स ने 30 नवंबर तक हॉलमार्किंग के लिए खुद को रजिस्टर कराया है. इसके साथ ही सरकार ने ये भी बताया कि अबतक देश में कितने आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई है. आपको बता दें कि हाल ही में सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया था जिसके तहत अब सोने के सभी आभूषण हॉलमार्किंग की गारंटी के साथ ही बेचे जाएंगे.
पीडीएस राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने लोकसभा में कहा कि इस साल 30 नवंबर तक देश के 1.26 लाख ज्वेलर्स ने हॉलमार्किंग के लिए रजिस्ट्रेशन किया है और वे बीआईएस से रजिस्टर्ड हो गए हैं. अश्विनी चौबे ने संसद को बताया कि 1 जुलाई से 30 नवंबर तक की अवधि में लगभग 4.29 करोड़ गोल्ड के आभूषण हॉलमार्क किए गए हैं.
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जब से गोल्ड हॉलमार्किंग को सरकार ने अनिवार्य किया है, तब से सोने की हॉलमार्किंग का काम तेज हो गया है. वहीं दूसरी ओर ज्वेलर्स के कुछ संगठन इसके विरोध में भी हैं. उनका कहना है कि सरकार को पहले हॉलमार्किंग का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना चाहिए. इसके बाद हॉलमार्किंग को अनिवार्य करना था.
जबकि सरकार ने यह नियम ग्राहकों को शुद्धता की गारंटी देने के लिए सरकार ने यह नियम अनिवार्य किया है. हॉलमार्किंग से जेवर की शुद्धता की गारंटी मिलती है और ग्राहक को अपने चुकाए पैसे पर सही सामान मिलता है.
केंद्र सरकार ने 23 जून से सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य किया. जिसे अलग-अलग फेज में लागू किया जा रहा है. पहले फेज के लिए सरकार ने 28 राज्यों और संघशासित प्रदेशों के 256 जिलों को चिन्हित किया है जहां गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम अनिवार्य रूप से लागू होगा.
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सरकार ने लोकसभा में कहा कि गोल्ड हॉलमार्किंग का नियम 15 जनवरी, 2021 से ही अनिवार्य कर दिया गया था. लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए इसे 1 जून से लागू करने का आदेश दिया गया. उस दिन से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य है और इसके नियम नहीं मानने पर कार्रवाई का प्रावधान है.
आपको बता दें कि देश में सोने की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने 23 जून से 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड के आभूषणों को हॉलमार्क करने का निर्देश दिया है. पहले चरण में देश के 256 जिले शामिल किए गए हैं जहां कम से कम एक हॉलमार्किंग सेंटर जरूर हैं.