Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21-Series V: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सावरेन स्वर्ण बांड (Gold Bond Scheme) का निर्गम मूल्य 5,334 रुपये प्रति 10 ग्राम तय किया है. यह निर्गम तीन से सात अगस्त 2020 के बीच आएगा. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के बयान के मुताबिक 2020-21 की श्रृंखला-5 की सावरेन स्वर्ण बांड योजना (RBI Gold Bond Scheme) का निर्गम मूल्य 5,334 रुपये प्रति ग्राम होगा. इससे पिछली बार के सरकारी स्वर्ण बांड योजना 2020-21 श्रृंखला -4 (RBI Gold Bond) का निर्गम का मूल्य 4,852 रुपये प्रति 10 ग्राम था और यह निर्गम 6 से 10 जुलाई के बीच आया था.
यह भी पढ़ें: कोविड-19 की वजह से भारत में अप्रैल-जून में 70 फीसदी घटी सोने की मांग
ऑनलाइन पेमेंट पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट
बयान के अनुसार बांड के लिए ऑनलाइन भुगतान करने वालों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. इस प्रकार उनके लिए स्वर्ण बांड का मूल्य 5,284 रुपये प्रति ग्राम होगा. केंद्र सरकार ने अप्रैल में घोषणा की थी कि वह 20 सितंबर तक छह किस्तों में स्वर्ण बांड (Sovereign Gold Bond Returns) जारी करेगी. बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना नवंबर 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य भौतिक सोने की मांग को कम करना और घरेलू बचत का एक हिस्सा सोना की खरीद के लिए इस्तेमाल करना था.
- पहली सीरीज: 20 अप्रैल से 24 अप्रैल के बीच बिक्री
- दूसरी सीरीज: 11 से 15 मई के बीच बिक्री
- तीसरी सीरीज: 8 जून से लेकर 12 जून के बीच बिक्री
- चौथी सीरीज: 6 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच बिक्री
- पांचवी सीरीज: 3 अगस्त से लेकर 7 अगस्त के बीच बिक्री
- छठी सीरीज: 31 अगस्त से लेकर 4 सितंबर के बीच बिक्री
यह भी पढ़ें: अप्रैल-जून में 11% घट गई सोने की वैश्विक मांग, ETF में निवेश बढ़ा
यहां से खरीदें सस्ता सोना यानि गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड की बिक्री स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Stock Holding Corporation of India-SHCIL), चुनिंदा पोस्ट ऑफिस (Post Office), बैंकों, NSE और BSE के जरिए की जाती है. निवेशक इनमें से किसी भी एक जगह से गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी कर सकते हैं. गौरतलब है कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) की ओर से पिछले 3 दिन 999 प्योरिटी वाले सोने के दाम के आधार पर गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय होती है.
न्यूनतम 1 ग्राम खरीद सकते हैं सोना
सरकार ने सोने की मांग को कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में बदलने के उद्देश्य से सरकारी स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में की थी. गोल्ड बॉन्ड में वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में प्रति व्यक्ति न्यूनतम निवेश एक ग्राम है, जबकि अधिकतम सीमा 500 ग्राम है. व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम और ट्रस्टों और संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम रखी गई है.
यह भी पढ़ें: सोने-चांदी में मजबूती कायम रहेगी, जानकार जता रहे हैं अनुमान
गोल्ड बॉन्ड खरीदने के हैं कई फायदे
गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है. निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा है. पूंजी और ब्याज दोनों की सरकारी (सॉवरेन) गारंटी मिलती है. इंडिविजुअल को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. कर्ज लेने के लिए गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल कोलेट्रल के रूप में किया जा सकता है. साथ ही गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस (TDS) भी नहीं कटता है.