Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21: अगर सस्ता सोना (Gold Rate Today) खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. निवेशक सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के जरिए बाजार भाव से सस्ता सोना खरीद सकते हैं. केंद्र सरकार 20 अप्रैल से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 को 6 किश्त में जारी करने जा रही है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank-RBI) भारत सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को जारी करेगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक 6 किश्त में जारी होंगे.
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गोल्ड बॉन्ड की पहली किश्त का नाम 2020-21 Series I है. निवेशक इस सीरीज में 20-24 अप्रैल तक सब्सक्रिप्शन ले सकेंगे. इस सीरीज की किश्त 28 अप्रैल को जारी की जाएगी. इसके अलावा आखिरी किश्त 2020-21 Series VI को 31 अगस्त से 4 सितंबर तक सब्सक्राइब कर सकेंगे. गोल्ड बॉन्ड की यह सीरीज 8 सितंबर को जारी होगी. इस बॉन्ड की अवधि 8 साल की होगी. निवेशकों को पांच साल के बाद एग्जिट का ऑप्शन मिलेगा.
यहां से खरीदें सस्ता सोना यानि गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड की बिक्री स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, बैंकों, NSE और BSE के जरिए की जाती है. निवेशक इनमें से किसी भी एक जगह से गोल्ड बॉन्ड की खरीदारी कर सकते हैं. गौरतलब है कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) की ओर से पिछले 3 दिन 999 प्योरिटी वाले सोने के दाम के आधार पर गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय होती है.
न्यूनतम 1 ग्राम खरीद सकते हैं सोना
सरकार ने सोने की मांग को कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से को वित्तीय बचत में बदलने के उद्देश्य से सरकारी स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में की थी. गोल्ड बॉन्ड में वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) में प्रति व्यक्ति न्यूनतम निवेश एक ग्राम है, जबकि अधिकतम सीमा 500 ग्राम है. व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के लिए निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम और ट्रस्टों और संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम रखी गई है.
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गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा. निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है. निवेशकों को गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा है. पूंजी और ब्याज दोनों की सरकारी (सॉवरेन) गारंटी मिलती है. इंडिविजुअल को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. कर्ज लेने के लिए गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल कोलेट्रल के रूप में किया जा सकता है. साथ ही गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस (TDS) भी नहीं कटता है.