सोने (Gold) की खरीदारी और बिकवाली पर क्या है टैक्स के नियम, जानें यहां

ग्राहकों को सोने (Gold) की खरीदारी के ऊपर सोने की कुल वैल्यू का 3 फीसदी GST अदा करना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर बिक्री के ऊपर मुनाफा और होल्डिंग पीरियड के लिए लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

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Dhirendra Kumar
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सोने (Gold) की खरीदारी और बिकवाली पर क्या है टैक्स के नियम, जानें यहां

सोने की खरीदारी और बिकवाली पर क्या है टैक्स के नियम, जानें यहां( Photo Credit : फाइल फोटो)

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अगर आप सोना (Gold) या गोल्ड ज्वैलरी (Gold Jewellery) की खरीदारी या बिकवाली की योजना बना रहे हैं तो आपको इससे जुड़े टैक्स के नियमों को ज़रूर जानना चाहिए. दरअसल, इससे जुड़े टैक्स के नियमों की अनदेखी करने पर आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. आज की इस रिपोर्ट में सोने की खरीदारी और बिकवाली के ऊपर टैक्स का क्या नियम है, इसको जानने की कोशिश करते हैं.

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सोने की खरीदारी पर 3 फीसदी जीएसटी
गौरतलब है कि सोना एक ऐसी संपत्ति है जिसे कोई भी व्यक्ति काफी आसानी से खरीद या बेच सकता है. लोग अपनी जरूरत के हिसाब से इसकी खरीद-बिक्री करते हैं, लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि सोने की खरीदारी या बिकवाली के ऊपर टैक्स जमा करना पड़ता है. ग्राहकों को सोने की खरीदारी के ऊपर सोने की कुल वैल्यू का 3 फीसदी GST अदा करना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर बिक्री के ऊपर मुनाफा और होल्डिंग पीरियड के लिए लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है.

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अगर कोई व्यक्ति सोने की बिक्री करने जाता है तो टैक्स इस पर निर्भर करता है कि सोने को कितने समय तक होल्ड रखा गया था. मतलब यह हुआ कि होल्डिंग पीरियड के आधार पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है. सोने की खरीदारी करने के 3 साल के अंदर बिक्री करने पर जो भी फायदा होता है उसपर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. इससे होने वाले फायदे को आपके कुल आय में जोड़ा जाता है. इस मुनाफे को जोड़ने के बाद आप जिस टैक्स स्लैब में आते हैं उसके कैल्कुलेशन के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है.

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वहीं सोने को खरीदने के 3 साल या उससे ज्यादा समय तक होल्ड करके उसकी बिक्री करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है. मतलब यह हुआ कि मुनाफे के ऊपर 4 फीसदी सेस के साथ 20 फीसदी दर के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. बता दें कि डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड में टैक्स के नियम एक जैसे हैं. हालांकि पेपर गोल्ड में मिलने वाले मुनाफे के ऊपर व्यक्ति को इंडेक्सेशन के फायदे के साथ ही 20 फीसदी की दर से कर का भुगतान करना होता है. वहीं सॉवरने गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर तय समय से पहले पैसा निकालने पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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