गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (Gold Deposit Scheme): यह एक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) स्कीम जैसी होती है. स्टेट बैंक (SBI) की ओर से घरों में पड़े सोने को जमा करके उसके एवज में निवेशकों को रिटर्न दिया जाता है. निवेशकों को इस स्कीम के तहत रिटर्न के साथ-साथ सुरक्षा भी मिलती है. निवेशकों को इस जमा योजना पर कमाई के साथ टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. दरअसल, गोल्ड डिपॉजिट स्कीम का मुख्य मकसद घरों में पड़े बेकार सोने को वापस सिस्टम में लाना है. सरकार की सोच है कि ऐसे सोने को सिस्टम में वापस लाकर उसका सही इस्तेमाल करने की है. गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम 30 ग्राम और अधिकतम जमा की सीमा नहीं है.
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कितने साल की है अवधि
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत शॉर्ट टर्म में सोने को जमा करने की अवधि 1 साल से 3 साल होती है. 1 साल के लिए सोना जमा करने पर उसके ऊपर मौजूदा ब्याज दर 0.5 फीसदी है. वहीं 1 साल से 2 साल तक सोना जमा करने पर सालाना 0.55 फीसदी ब्याज मिलता है. 2 साल से 3 साल तक जमा पर 0.6 फीसदी ब्याज मिलता है. बता दें कि इस स्कीम में ब्याज सोने के भाव के आधार पर मिलता है. इस स्कीम के तहत हर साल 31 मार्च को ब्याज का भुगतान किया जाता है. मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट के तहत सोने को 5 साल से 7 साल के लिए जमा किया जाता है. सोने की इस जमा के ऊपर 2.25 फीसदी ब्याज ऑफर किया जाता है. इसमें Cumulative (संचय) या Non-Cumulative का विकल्प शुरुआत में मिलता है.
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कौन ले सकता है गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में हिस्सा
गोल्ड डिपॉजिट स्कीम में इंडिविजुअल या ज्वाइंट अकाउंट, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), ट्रस्ट या कंपनी हिस्सा ले सकती है.
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गोल्ड जमा योजना (Gold Deposit Scheme) की खास बातें
- इस स्कीम में सोने का सिक्का, बिस्किट, ज्वैलरी जमा किया जा सकता है
- गोल्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट सोने की शुद्धता के आधार पर 90 दिन में जारी होता है
- इस स्कीम को ट्रांसफर किया जा सकता है
- परिपक्वता के बाद रेन्वुअल की सुविधा
- SBI से सोने की वैल्यू का 75 फीसदी तक लोन की सुविधा
- 1 साल के लॉक-इन के बाद प्री-मेच्योर निकासी कर सकते हैं
- इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स और कैपिटल गेन टैक्स सहित सभी तरह के टैक्स से राहत
Source : News Nation Bureau