एनके सिंह ( NK Singh) की अध्यक्षता में 15 वें वित्त आयोग ने आज वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए रिपोर्ट को तैयार कर लिया है. बता दें कि आयोग ने भारत के राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा था. केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि अब यह निर्णय लिया गया है कि 9 नवंबर को यह रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपी जाएगी.
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बता दें कि समिति में अजय नारायण झा, डॉ. अशोक लाहिड़ी, प्रोफेसर अनूप सिंह और डॉ. रमेश चंद सदस्य हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने इस रिपोर्ट एक कॉपी सौंपी जाएगी.
15th Finance Commission, headed by Chairman NK Singh, today concluded their deliberations on Report for year 2021-22 to 2025-26. Commission had sought time to present its Report to President of India. It has now been decided that Report submission will be on 9 Nov: Govt of India pic.twitter.com/jPJYonsh7c
— ANI (@ANI) October 30, 2020
बुधवार को एन के सिंह ने पूर्व वित्त आयोग के प्रमुखों के साथ की थी बैठक
बता दें कि एन के सिंह की अध्यक्षता में गठित 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट को तैयार कर लिया है. आयोग को 2021-26 के लिये अपनी रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक सरकार को सौंपनी है. रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने बुधवार को पूर्व वित्त आयोग के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब आयोग अपनी सिफारिशों को लेकर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी कर चुका है और अंतिम रिपोर्ट देने की तैयारी में है. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये हुई शिष्टाचार बैठक में आयोग के अन्य सदस्य भी शामिल हुए.
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बयान के अनुसार 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन सिंह और अन्य सदस्यों ने 12वें और 13वें वित्त आयोग के चेयरमैन क्रमश: सी रंगराजन और डा. विजय केलकर के साथ बैठक की थी. सिंह ने बैठक में कहा था यह पिछले 20 वर्षों में हमारे संघीय इतिहास का प्रतिनिधित्व है. पंद्रहवे वित्त आयोग को 2021-26 के लिये अपनी अंतिम रिपोर्ट 30 अक्टूबर, 2020 तक उपलब्ध करानी थी. आयोग अपना काम पूरा करने के लगभग करीब है. पूर्व वित्त अयोग के प्रमुखों ने कहा कि कोविड-19 के कारण जिस कड़ी चुनौती के बीच मौजूदा आयोग ने काम किया वह सराहनीय है. कोविड-19 संकट के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और उसका प्रतिकूल असर केंद्र एवं राज्य सरकारों की राजकोषीय स्थिति पर पड़ा है. बयान के अनुसार बैठक में 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन और सदस्यों ने पूर्व वित्त आयोग के प्रमुखों की सोच और कामकाज तथा उनके साथ विचार-विमर्श से विभिन्न पहलुओं के बारे में जो स्पष्ट जानकारी और सोच मिली, उसको लेकर आभार जताया था. (इनपुट भाषा)