भारत में तकरीबन 4.57 करोड़ लोग तंबाकू उद्योग और इससे संबंधित क्षेत्र में रोजगार से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं. यह बात हाल ही में किए गए एक अध्ययन में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार देश में तकरीबन 60 लाख किसान तंबाकू की खेती करते हैं और इस खेती से करीब दो करोड़ खेतिहर मजदूरों की रोजी-रोटी चलती है. तारी (Thought Arbitrage Research Institute) ने एसोचैम (ASSOCHAM) के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है.
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एक्सपोर्ट सेक्टर में जुड़े हैं 85 लाख लोग
रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 40 लाख लोग तंबाकू की पत्तियां तोड़ने के काम से अपनी आजीविका चलाते हैं. इसके अलावा प्रसंस्करण व उत्पादन और निर्यात के कारोबार में 85 लाख कर्मचारी काम करते हैं. वहीं तंबाकू और इसके उत्पादों के खुदरा कारोबार में 72 लाख लोग शामिल हैं.
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सालाना 6,000 करोड़ रुपये की विदेशी आय
अध्ययन में कहा गया है कि भारत दुनिया का अग्रणी तंबाकू निर्यातक है और इससे सरकार को सालाना 6,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है. कुल निर्यात में कच्ची तंबाकू की हिस्सेदारी 4,173 करोड़ रुपये और सिगार, चेरूट, सिगारिलोस और सिगरेट आदि जैसे तंबाकू उत्पादों की हिस्सेदारी 1,830 करोड़ रुपये है. अध्ययन के अनुसार, भारत विभिन्न ग्राहकों के लिए अलग-अलग ग्रेड और प्रकार के तंबाकू उत्पाद बनाता है, इसलिए यह अलग-अलग स्टाइल, क्वालिटी और प्राइस रेंज के लिहाज से वन-स्टॉप शॉप की तरह है.
फ्लू क्योर्ड वर्जीनिया (एफसीवी) तंबाकू भारत का प्रमुख निर्यात किया जाने वाला तंबाकू है. इसकी करीब 70 प्रतिशत फसल का निर्यात होता है. तंबाकू पत्तियों का कुल वैश्विक निर्यात कारोबार 12 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत की 5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारतीय तंबाकू की विविधता के चलते भारत दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में तंबाकू निर्यात करता है. इस मॉडल के आधार पर भारतीय तंबाकू क्षेत्र का बहुत बड़ा आंकड़ा मिलता है. इस सेक्टर का कुल वास्तविक आर्थिक मूल्य 11,79,498 करोड़ रुपये है.
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सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का भी किया गया अध्ययन
तारी की निदेशक क्षमा वी. कौशिक ने कहा कि इस अध्ययन के महत्वपूर्ण घटकों में से एक यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पहली बार तंबाकू उद्योग के योगदान का आकलन किया गया है. यह आकलन करते समय इसकी वैल्यू चेन में आने वाले सभी वर्गो के लाभ को ध्यान में रखा गया. अर्थव्यवस्था के अन्य सेक्टर पर तंबाकू उद्योग के कारण पड़ने वाले व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर पहले के अध्ययनों में बातें सामने आई हैं.
इसलिए इस अध्ययन में हमने इस सेक्टर के मांग व आपूर्ति दोनों पक्षों के सभी बाजार हिस्सेदारों को समझने के लिए इसका एक भाग बनकर आकलन किया. इसके बाद हमने सभी हिस्सेदार समूहों द्वारा निर्मित आर्थिक मूल्य की गणना करने के लिए प्रमाणित मेथडोलॉजी का प्रयोग किया और फिर पूरे सेक्टर के आर्थिक मूल्य का आकलन किया.
HIGHLIGHTS
- तारी ने एसोचैम (ASSOCHAM) के साथ मिलकर तंबाकू उद्योग पर रिपोर्ट तैयार की
- रिपोर्ट के मुताबिक देश में तकरीबन 60 लाख किसान तंबाकू की खेती करते हैं
- तंबाकू एक्सपोर्ट से सरकार को सालाना 6,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है