बाजार नियामक सेबी के कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. (केएसबीएल) के खिलाफ तत्काल कदम उठाये जाने से करीब 83,000 निवेशकों को अपनी प्रतिभूतियां वापस मिल गयी हैं. ब्रोकर ने अवैध तरीके से इन प्रतिभूतियों को अपने खाते में हस्तांतरित कर लिया था और बिना किसी अधिकार पत्र के उसे गिरवी भी रख दिया था. नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लि. (एनएसडीएल) के ताजा अंतरण के साथ करीब 90 प्रतिशत निवेशकों को उनकी प्रतिभूतियां मिल गयी हैं और शेष को यह उनके बकाये के निपटान के बाद मिल जाएंगी.
कार्वी ने 95,000 ग्राहकों के 2,300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की प्रतिभूतियों को कर्जदाताओं के पास गिरवी रखकर 600 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इन 95,000 ग्राहकों में से करीब 83,000 को प्रतिभूतियां मिल गयी हैं. इन प्रतिभूतियों को केएसबीएल ने गलत तरीके से अपने खाते में हस्तातंरित किया था. एनएसडीएल ने एक परिपत्र में कहा, ‘सेबी के निर्देशों के तहत तथा एनएसई की निगरानी में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लि. के डिमैट खातों से संबंधित उन ग्राहकों के खातों में प्रतिभूतियों का हस्तांतरण किया गया है जिन्होंने इन प्रतिभूतियों का पूरा भुगतान किया है. कुल 82,599 निवेशकों को प्रतिभूतियां मिल गयी हैं.’
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बाजार विशेषज्ञों के अनुसार मामले में समय पर कार्रवाई काफी अहम है. ऐसा नहीं होता तो कर्जदाता गिरवी रखी प्रतिभूतियों को भुना सकते थे. सेबी के इस कदम से पीएमसी बैंक जैसी स्थिति को टालने में मदद मिली है. प्रमुख शेयर बाजार एनएसई ओर बीएसई ने सोमवार को कार्वी के कारोबार लाइसेंस को निलंबित कर दिया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि कार्वी ने 95,000 से अधिक ग्राहकों के 2,300 करोड़ रुपये मूल्य की प्रतिभूतियों को गलत तरीके से अपने डिमैट खातों में हस्तांतरित किये. कार्वी ने इसके लिये ग्राहकों की तरीफ से दिये गये अधिकार (पावर ऑफ एटार्नी) का दुरूपयोग किया. कंपनी ने डिमैट खाते का शेयर बाजारों के समक्ष कभी भी खुलासा नहीं किया. सेबी ने कहा कि एनएसई , केएसबीएल के फोरेंसिक आडिट की शुरूआत की है और ग्राहकों की प्रतिभूतियों के दुरूपयोग का पता जांच रिपोर्ट आने के बाद चलेगा.
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गैर अनुपालन की वजह से लाइसेंस हुआ निलंबित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों के गैर अनुपालन (non compliance) की वजह से कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के लाइसेंस को निलंबित किया गया है. NSE ने फिलहाल कार्वी के कमोडिटी डेरिवेटिव, कैपिटल मार्केट, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और F&O के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. NSE के इस कदम के बाद कार्वी अब पूंजी बाजार, डेरिवेटिव बाजार करेंसी डेरिवेटिव, डेट, कमोडिटी डेरिवेटिव और MFSS सेगमेंट किसी भी तरह का कारोबार नहीं कर पाएगी. हालांकि कार्वी के कस्टमर के पास अन्य ब्रोकर्स के पास जाने का विकल्प रहेगा.
ये है मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्वी के ऊपर एक कस्टमर के अकाउंट में रखें शेयर बिक्री करके अपनी समूह की कंपनी कार्वी रियल्टी (Karvy Realty) ट्रांसफर करने का आरोप है. जानकारी के मुताबिक कार्वी रियल्टी को अप्रैल 2016 से दिसंबर 2019 के दौरान करीब 1,096 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. SEBI ने NSDL, CDSL, BSE, NSE और MCX को निर्देश दिए हैं कि वे कार्वी के किसी भी निर्देश को नहीं मानें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो