घरेलू संस्थागत निवेशकों (Domestic Institutional Investors-DII) ने 2020 में पांच साल के बाद अपना पहला बेहतरीन प्रदर्शन दर्ज किया है. सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 49,000 का आंकड़ा पार गया. इस अवधि में एफआईआई की आमद रिकॉर्ड ऊंचाई पर रही, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक द्वारा बहिर्वाह भी ताजा उच्च स्तर पर दर्ज किया गया. मोतीलाल ओसवाल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर ईयर 2020 में डीआईआई ने पांच साल के इनफ्लो के बाद अपना पहला आउटफ्लो देखा.
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पिछले पांच साल में 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई
साल 2020 के लिए एफआईआई प्रवाह 23.4 अरब डॉलर पर था, जो साल 2012 के बाद का उच्चतम स्तर है. हालांकि, डीआईआई ने पांच साल के इनफ्लो के बाद अपना पहला आउटफ्लो (4.9 अरब डॉलर) दर्ज किया. कैलेंडर वर्ष 2020 में, मिडकैप इंडेक्स 22 प्रतिशत ऊपर था. वहीं पिछले पांच वर्षों में इसमें 20 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी. दिग्गज कंपनियों की बात करें, तो डिविस लैब्स का शेयर 108 प्रतिशत, डॉ. रेड्डी लैब्स का 81, इंफोसिस का 72, सिप्ला का 71, एचसीएल टेक का शेयर 66 प्रतिशत उछला और इसके साथ ही इन कंपनियों के शेयर ने निफ्टी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
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वहीं इंडसइंड बैंक का शेयर 41 प्रतिशत, कोल इंडिया का 36, आईओसीएल का 28, ओएनजीसी का 28 , बीपीसीएल का 22 प्रतिशत शेयर गिरा. कोरोना वायरस महामारी की चुनौतियों के बावजूद कैलेंडर वर्ष 2020 में निफ्टी ने 15 प्रतिशत रिटर्न दर्ज किया. सितंबर 2020 से सक्रिय कोविड-19 मामलों में 80 प्रतिशत की कमी से कॉर्पोरेट आय में मजबूती आई, जिसके परिणामस्वरूप वृद्धि दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि भारत में टीकाकरण 16 जनवरी 2021 से शुरू हो रहा है, इसलिए हमें उम्मीद है कि मांग में तेजी से रिकवरी आएगी. साथ ही हम यह भी उम्मीद करते हैं कि सरकार अपने आगामी बजट में विकास को प्राथमिकता देगी.