राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के पायलट यूनियनों ने अपने सदस्यों को सलाह दी है कि वे विनिवेश प्रक्रिया के जरिए एयरलाइन को संभालने के लिए कर्मचारियों की बोली में हिस्सा न लें. भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और भारतीय पायलट गिल्ड, दोनों ने ही अपने सदस्य पायलटों को एयरलाइन के वाणिज्यिक निदेशक मीनाक्षी मलिक द्वारा प्रस्तावित की गई योजना में भाग नहीं लेने के लिए लिखा है.
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पायलटों के अवैध रूप से 25 प्रतिशत रोके गए भुगतान को लेकर कोई स्पष्टता नहीं: यूनियन
दोनों यूनियनों ने कहा है कि एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री के लिए कर्मचारियों द्वारा बोली लगाने के संबंध में मीनाक्षी मलिक का एक पत्र हमारे संज्ञान में लाया गया है. इस संबंध में सभी पायलटों को सलाह दी जाती है कि वे प्रबंधन अधिकारी द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया को स्वीकार न करें, ना ही उसमें भाग न लें. जब तक कि एयर इंडिया का शीर्ष प्रबंधन पायलटों की 70 प्रतिशत वेतन कटौती का मामला नहीं देखता. इसके अलावा पायलटों के अवैध रूप से 25 प्रतिशत रोके गए भुगतान को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है, जबकि हमारे पास एयर इंडिया के लिए बोलियां लगाने के लिए 14 दिसंबर तक की समय सीमा है.
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यूनियनों ने आगे कहा कि जहां भारत में अन्य प्रमुख एयरलाइंस ने अपने पायलटों के वेतन कटौती के निर्णय में बदलाव किया है, वहीं सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एयर इंडिया ने अभी भी हमारे मामले को नहीं देखा है। लिहाजा हमारे द्वारा अगली जानकारी देने तक इन बोलियों में हिस्सा न लें.