Advertisment

Amazon देती है सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत! भारत में ई-कॉमर्स कंपनी का कुल ​कितना कारोबार?

 मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि एमेजॉन के एक कानूनी प्रतिनिध‍ि घूसखोरी में लिप्त पाए गए हैं. आरोप हैं कि उन्होंने रिश्वत देकर भारत में कई तरह की नियामकीय मंजूरी दिलाई. द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट ' की एक खबर के अनुसार , अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों क

author-image
Mohit Sharma
एडिट
New Update
Amazon

Amazon ( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

 मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि एमेजॉन के एक कानूनी प्रतिनिध‍ि घूसखोरी में लिप्त पाए गए हैं. आरोप हैं कि उन्होंने रिश्वत देकर भारत में कई तरह की नियामकीय मंजूरी दिलाई. द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट ' की एक खबर के अनुसार , अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू की है. खबरों के मुताबिक इस संबंध में उसने अपने वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया है. इस खबर के सामने आने के बाद एमेजॉन ने आंतरिक जांच शुरू की है और बताया जा रहा है कि उक्त वरिष्ठ कर्मचारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है. इस पर बयान जारी करते हुए सोमवार को एमेजॉन ने कहा था कि कंपनी में भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

कैट ने उठाई सीबीआई जांच की मांग

इस बीच, व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने यह कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की है कि मामला सरकार की विश्वसनीयता से जुड़ा है और सरकार के भीतर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के दृष्टिकोण के खिलाफ है. संगठन ने मामले में शामिल अधिकारियों के नाम सार्वजनिक करने और उनके खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई की भी मांग की. कैट ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भी लिखा है. संगठन ने साथ ही कहा कि वह इस मुद्दे की ‘ निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच ’ की मांग के लिए अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (एसईसी) के अध्यक्ष गैरी जेन्सलर के पास एक भी एक ज्ञापन भेज रहा है. सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या कथित रिश्वत का ‘ मौजूदा जांच से कोई संबंध है या वह एमेजॉन द्वारा कानून एवं नियमों के निरंतर उल्लंघन से जुड़ा है. 

अमेजन कर रही है मामले की जांच

अमेजन भारत में अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ रिश्वत संबंधी आरोपों की जांच कर रही है , इन खबरों के बीच अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेती है और उचित कार्रवाई करने के लिए उनकी पूरी जांच करती है. कंपनी ने आरोपों की पुष्टि या खंडन किए बिना कहा कि वह ‘ भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती है. ’
· ‘ द मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट ’ की एक खबर के अनुसार , एमेजॉन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. खबरों के मुताबिक इस संबंध में उसने अपने वरिष्ठ कॉरपोरेट वकील को छुट्टी पर भेज दिया.

 प्रवक्ता बोले- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं

एमेजॉन के एक प्रवक्ता ने कहा , ” हम भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते. हम अनुचित कार्यों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं , उनकी पूरी जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं. हम इस समय किसी खास आरोप या किसी भी जांच की स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. ” इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि एमेजॉन जैसी अमेरिकी कंपनियां ‘ व्हिसलब्लोअर ’ की शिकायतों को गंभीरता से लेती है.  खासकर वे जो कारोबार को बनाए रखने या हासिल करने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत के भुगतान से संबंधित हैं. यह कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए भी है.

भारत में इ कॉमर्स कंपनियों का कुल कारोबार

 भारत में इ कॉमर्स मार्किट ईयर ओवर ईयर 5% की दर से ग्रो कर रहा है जो वित्तीय वर्ष 2021 में 56.6% बिलियन डॉलर (लगभग 416915 करोड़ रुपए ) रहेगा.  भारत में ऑनलाइन रिटेल मार्किट कुल संगठित रिटेल मार्किट का 25% माना जाता है , जो 2030 तक 37% तक हो जाएगा· दिसंबर 2020 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में अमेजन का कुल कारोबार 10,847.6 करोड़ था

पहले से ही विवाद

सीसीआई ने 13 जनवरी , 2020 को भारी छूट देने तथा अपने पसंदीदा विक्रेताओं के साथ गठजोड़ की शिकायतों को लेकर फ्लिपमार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच का आदेश दिया था. उसके बाद इन कंपनियों ने जांच के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. अगस्त में उच्चतम न्यायालय ने ई- वाणिज्य कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कानून के कथित उल्लंघन की भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा प्रारंभिक जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.  शीर्ष अदालत ने कहा था कि ऐसे बड़े संगठनों को जांच में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

amazon google news Amazon Bribery
Advertisment
Advertisment