अमेरिकन ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर बड़ा आरोप लगा है. अमेजन (Amazon Bribe Case) पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. एक अमेरिकी वेबसाइट के अनुसार अमेजन ले पिछले दो वित्तीय सालों में 42 हजार करोड़ रुपए की इनकम की है. आरोप है कि अमेजन संबंधित अधिकारियों को रिश्वत देता था. बताया जा रहा है कि इस दौरान कंपनी ने आठ हजार पांच सौ करोड़ रुपए लीगल फीस के रूप में चुकाई है. कैट के प्रवीण खंडेलवाल ने आरोप लगाया है. अमेजन की इंडियन ब्रांच ने रिश्वत के आरोपों का सामना करने के बाद अपनी कानूनी टीम के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू कर दी है. कंपनी का दावा है कि उसने रिश्वतखोरी के आरोपों को गंभीरता से लिया है. इसके साथ ही कंपनी जांच के बाद दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगी. वहीं, भारतीय व्यापारी महासंघ की ओर से मामले में सीबीआई जांच की मांग की गई है.
इस दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ "ज़ीरो टॉलरेंस" की नीति पर जोर देते हुए कहा कि अमेजन भ्रष्टाचार मामले में जांच कराई जाएगी. सरकार ने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आपको बता दें कि अमेजन इंडिया पर आरोप लगा है कि कंपनी की ओर से भुगतान की गई लीगल फीस का यूज देश में विभिन्न स्तरों पर संंबंधित अधिकारियों को रिश्वत में हुआ था. अमेजन द्वारा दो वित्तीय वर्षों 2018-19 और 2019-20 के बीच लीगल फीस के रूप में भुगतान की गई राशि उसके कुल राजस्व का 20.3 प्रतिशत के बराबर है. ऐसे में रिश्वतखोरी की इन आरोपों ने देश में अमेज़न की चिंता बढ़ा दी है.
वहीं, अमेजन कंपनी ने इस मामले में आंतरिक रूप से जांच करने की बात कही है. आरोप है कि 2018-19 और 2019-20 में अमेजन के कुल राजस्व 42,085 करोड़ रुपये के खिलाफ लीगल फीस के रूप में 8,456 करोड़ रुपए का पेमेंट किया गया था. अमेजन की ओर से कहा गया कि कंपनी के एक वरिष्ठ कार्पोरेट वकील राहुल सुंदरम को अवकाश पर भेज दिया गया है. भारतीय व्यापारी महासंघ (कैट)ने इस मामले में सीबीआई जांच की डिमांड की है. कैट ने इस संबंध में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भी लिखा है. कैट ने कहा है कि करप्शन में लिप्त अधिकारियों के नामों का खुलासा किया जाना चाहिए. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बात पर भी गौर की जाने चाहिए कि क्या कथित रिश्वत का अमेजन के खिलाफ वाली जांच से कोई ताल्लुक है.
Source : News Nation Bureau