कर्नाटक चुनाव के बाद सरकार चाहे जिसकी बने लेकिन आम आदमी की जेब पर मंहगाई की मार पड़ने के आसार हैं। जहां भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इन दिनों अपने उच्चतम स्तर पर हैं, कर्नाटक चुनाव के बाद इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्पोरेशन के अनुसार वेनेजुएला और ईरान में सप्लाई में कमी आने के कारण आने वाले समय में कच्चे तेल की कीमतें अगले साल 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं।
बैंक का कहना है कि वैश्विक स्तर पर उत्पादन में कमी के चलते 2019 की दूसरी तिमाही तक यह आंकड़ा 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाजार मार्केट में क्रूड ऑइल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की ओर से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भी कीमतों में इजाफा हो सकता है।
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बैंक के अनुसार यदि कीमतों में उछाल जारी रहा तो 2014 के बाद पहली बार कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से ईरान पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगाने के फैसले के कारण क्रूड ऑइल की कीमतें पहले ही तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।
वहीं OPEC (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) देशों के सप्लाइ कट के फैसले और वेनेजुएला में उत्पादन में अचानक कमी के चलते पहले ही कीमतों में तेजी का दौर जारी है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से लोगों पर बोझ कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने की मांग की है।
पेट्रोल की कीमत 55 महीने के उच्च स्तर तथा डीजल के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के साथ उन्होंने यह मांग की है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को लिखे पत्र में नायडू ने कहा कि केंद्र ने वैश्विक स्तर पर तेल के दाम में नरमी का लाभ उठाने के इरादे से नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की लेकिन कीमतें बढ़ रही हैं।
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HIGHLIGHTS
- 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकता है कच्चा तेल
- 5 साल में सबसे महंगा होगी कीमतें
Source : News Nation Bureau