Advertisment

RIL-Future ग्रुप की डील को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने Amazon के पक्ष में फैसला सुनाया

RIL-Future ग्रुप डील: सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Amazon डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे.

author-image
Dhirendra Kumar
एडिट
New Update
Amazon

Amazon ( Photo Credit : IANS )

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme court) रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और फ्यूचर ग्रुप (Reliance Future Deal) के बीच हुई बहुचर्चित डील के खिलाफ Amazon की याचिका पर फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन (Amazon) के पक्ष में फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर फिलहाल रोक लग गई है. बता दें कि इस सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे.

यह भी पढ़ें: वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान : आरबीआई

पिछली सुनवाई में फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुरक्षित रखा था फैसला 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई 2021 यानी गुरुवार को रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के विलय के लिए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को चुनौती देने वाली ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. एफआरएल और अमेजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में अपना पक्ष रखा था. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आर. एफ. नरीमन और बी. आर. गवई ने कहा कि वह इस मामले में दलीलें बंद कर रहे हैं और फैसला सुरक्षित रखा जा रहा है. पीठ ने कहा था कि अब हम मामला (सुनवाई) बंद करते हैं. फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अमेजन ने न्यायालय में कहा था कि सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ (ईए) का एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला वैध है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए. इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एफआरएल और वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अमेजन की पैरवी करते हुए अपनी-अपनी दलीलें दीं थीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने रिलायंस-एफआरएल सौदे को हरी झंडी दे दी थी.

एफआरएल का प्रतिनिधित्व करने वाले साल्वे ने तर्क दिया कि मध्यस्थता और सुलह पर भारतीय कानून के तहत ईए की कोई धारणा नहीं है और साथ ही, इस आशय का कोई मध्यस्थता समझौता नहीं था. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय कानून के तहत ईए के लिए कोई प्रावधान नहीं है. पीठ ने आठ फरवरी को सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उन्होंने एफआरएल और विभिन्न वैधानिक निकायों से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था. अमेजन ने पीठ से कहा कि फ्यूचर ग्रुप के बियानी परिवार ने कुछ समझौता करने के लिए उसके साथ बातचीत की थी और वह ईए के उस फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं, जिसमें एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगाई गई है.

यह भी पढ़ें: RBI Credit Policy 6 Aug 2021: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, ब्याज दर 4 फीसदी पर स्थिर

उसने दोहराया कि ईए का फैसला लागू किया जाना चाहिए। ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी ने जोर देकर कहा कि एफआरएल सिंगापुर के ईए अवार्ड से बाध्य है, जिसने इसे रिलायंस रिटेल के साथ अपने विलय सौदे के साथ आगे बढ़ने से रोक दिया था. उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के दो फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली एफआरएल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया था। एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा था कि ईए का निर्णय वैध और लागू करने योग्य था. फ्यूचर समूह ने पिछले साल अगस्त में अपनी खुदरा, थोक बिक्री, साजो सामान और गोदाम इकाइयों को रिलायंस को बेचने का समझौता किया था. इसके बाद अमेजन फ्यूचर समूह द्वारा अनुबंध के कथित उल्लंघन का मामला ईए में लेकर गई थी.  -इनपुट आईएएनएस

HIGHLIGHTS

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर फिलहाल रोक लगी
  • सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई को हुई सुनवाई में अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था
Supreme Court Amazon Future group Reliance Future group RIL-Future Group Deal
Advertisment
Advertisment
Advertisment