Share Market News: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके काफी काम की है. दरअसल, शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने शेयरों की खरीदारी और बिकवाली के सेटलमेंट (Settlement) के लिए T+1 यानी ट्रेड और अगले दिन की नई व्यवस्था को पेश कर दिया है. हालांकि यह ऑप्शनल है और ट्रेडर्स अगर चाहें तो इसका चुनाव कर सकते हैं. आसान भाषा में समझें तो नए नियम के बाद शेयर बेचने पर कारोबारी दिन के एक दिन बाद ही निवेशकों को पैसा मिल जाएगा. निवेशकों के लिए यह छोटा सेटलमेंट साइकिल अधिक सुविधाजनक होगा. जानकारों का कहना है कि नए नियम से शेयर मार्केट में पैसे की सप्लाई बढ़ेगी. सेबी ने सर्कुलर जारी करके बताया है कि स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है.
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1 जनवरी 2022 से प्रभावी हो जाएगा नया नियम
यहां इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि अगर स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए एक बार T+1 सेटलमेंट साइकिल का चुनाव कर लेता है तो उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना जरूरी होगा. वहीं अगर स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल का चुनाव कर लेता है तो उसे 1 महीना पहले नोटिस देना जरूरी होगा. सेबी का नया नियम 1 जनवरी 2022 से प्रभावी हो जाएगा. जानकारों का कहना है कि SEBI की बनाई गई नई व्यवस्था का मकसद शेयर मार्केट में खरीदारी और बिकवाली को बढ़ावा देना है. बता दें कि मौजूदा समय में घरेलू शेयर बाजार में अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट Cycle लागू है. मतलब यह है कि जब कोई निवेशक किसी शेयर को बेचता है तो शेयर ब्लॉक हो जाता है और कारोबारी दिन के दो दिन बाद उस सौदे की राशि अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है. अप्रैल 2003 के पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल लागू था. सेबी का कहना है कि T+1 और T+2 में किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं किया जाएगा. साथ ही नया नियम स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शन पर प्रभावी होगा.
सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक मार्केट रेग्युलेटर ने शेयरों की खरीदारी या बिकवाली की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निपटान में लगने वाले समय को लेकर T+1 या T+2 का विकल्प उपलब्ध कराया है. सेबी के इस कदम से निवेशक शेयर बाजार में निवेश को लेकर प्रोत्साहित होंगे. हालांकि सेबी का नया सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और इसे अभी ऑप्शनल रखा गया है. बता दें कि सेबी ने अगस्त 2021 के शुरू में T+2 के बजाय T+1 साइकिल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट देने के लिए विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था. आपको बता दें कि 2003 में सौदे को पूरा होने में लगने वाले समय को T+3 से घटाकर T+2 कर दिया था.
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गौरतलब है कि द एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) ने सेबी को पत्र भेजकर T+1 सेटलमेंट सिस्टम को लेकर चिंता जाहिर की थी. ANMI का कहना था कि परिचालन और तकनीकी चुनौतियों का समाधान किए बगैर नई व्यवस्था को लागू नहीं किया जाना चाहिए. बता दें कि सेबी के पास सेटलमेंट साइकिल को घटाने को लेकर लगातार निवेदन आ रहे थे. वहीं अब सेबी ने इन निवेदनों को ध्यान में रखते हुए नए नियम को निवेशकों के लिए पेश कर दिया है. सेबी ने सर्कुलर में बताया है कि स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद नए नियम को लेकर फैसला लिया गया है.
HIGHLIGHTS
- T+1 सेटलमेंट साइकिल का चुनाव करने पर उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना होगा
- सेबी का कहना है कि T+1 और T+2 में किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं किया जाएगा