माल एवं सेवा कर (GST) का संग्रह सितंबर महीने में चार प्रतिशत बढ़कर 95,480 करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष में अब तक किसी एक महीने में किया गया सबसे अधिक जीएसटी संग्रह (GST Collections) है. इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था उबरने की राह पर है. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2020 का जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने के कुल जीएसटी संग्रह से चार प्रतिशत अधिक है.
यह भी पढ़ें: Reliance Retail में मुबाडला करेगी 6,247.5 करोड़ रुपये का निवेश
सितंबर 2020 में सकल जीएसटी राजस्व 95,480 करोड़ रुपये
सितंबर 2019 में जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये रहा था. इस साल सितंबर में साल भर पहले की तुलना में माल के आयात से एकत्रित कर 102 प्रतिशत और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व संग्रह 105 प्रतिशत रहा है. बयान में कहा गया है कि सितंबर 2020 में सकल जीएसटी राजस्व 95,480 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी 17,741 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 23,131 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 47,484 करोड़ रुपये (माल के आयात से प्राप्त 22,222 करोड़ रुपये समेत) और उपकर 7,124 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 788 करोड़ रुपये सहित) रहा. सितंबर 2020 का जीएसटी संग्रह अगस्त 2020 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक रहा. इससे पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी से अप्रैल में 32,172 करोड़ रुपये, मई में 62,151 करोड़ रुपये, जून में 90,917 करोड़ रुपये, जुलाई में 87,422 करोड़ रुपये और अगस्त में 86,449 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ.
यह भी पढ़ें: Petrol Rate Today: आम आदमी को बड़ी राहत, आज फिर सस्ता हो गया डीजल
त्योहारी सीजन शुरू होने से जीएसटी संग्रह में होगा सुधार
पीडब्ल्यूसी इंडिया के लीडर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ उम्मीद है कि जीएसटी संग्रह में और सुधार होगा. उन्होंने कहा कि ई-चालान जैसे उपायों से भी कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी. शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिये एक उत्साहजनक बात है. उम्मीद है कि त्योहारी सीजन के करीब आने के साथ राजस्व संग्रह में सुधार होता रहेगा.
यह भी पढ़ें: चने में जोरदार उछाल, 3 साल की ऊंचाई पर पहुंचा दाम, जानें क्यों आई तेजी
डेलॉयट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एम एस मणि ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में जीएसटी संग्रह में चार प्रतिशत की मामूली वृद्धि से संकेत मिलता है कि आर्थिक सुधार की प्रक्रिया चल रही है. कुछ प्रमुख बड़े राज्यों में भी संग्रह में वृद्धि दर्ज की गयी है. मणि ने कहा कि यदि जीएसटी संग्रह के वर्तमान रुझान जारी रहते हैं, तो हमें आने वाले महीनों में विभिन्न राज्यों में होने वाले अनलॉक संबंधी कदमों और त्योहारी सीजन के आधार पर महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है. ईवाय के टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से के संचालन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुधार के साथ संग्रह में अच्छी वृद्धि देखी गयी है.