भारत को मंदी की दौर से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है. मोदी सरकार (Modi Government) घरेलू और विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) को बड़ी राहत दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सरकार ने फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स यानी FPI के तौर पर पैसा लगाने वाले विदेशी निवेशक को सरचार्ज (Surcharge) को हटा लिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ही बजट में अति समृद्ध लोगों पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
सरकार ने शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर लगने वाले सरचार्ज को भी ख़त्म कर दिया है. हालांकि, सरचार्ज वापस लेने का फैसला बड़ी राहत वाला हो सकता है, क्योंकि एफपीआई ने वित्त मंत्री से हुई बैठक में साफ कहा था कि अगर सरचार्ज वापस नहीं होगा तो निवेश कर पाना मुश्किल है.
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बता दें कि 5 जुलाई को बजट पेश होने के बाद से लेकर 22 अगस्त तक भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने करीब 27525 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. बजट की घोषणाओं के अनुसार, दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच आय वाले व्यक्तियों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, पांच करोड़ रुपये या उससे अधिक की सालाना आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों पर सरचार्ज 15 फीसदी से बढ़ाकर 37 फीसदी कर दिया गया था.
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सरचार्ज में की गई वृद्धि के बाद दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच आय वाले व्यक्तियों को 39 फीसदी और और पांच करोड़ रुपये और उससे अधिक आय वाले व्यक्तियों को 42.7 फीसदी कर चुकाना होगा. ज्यादातर एफपीआई सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित करते हैं. इस प्रकार वे सबसे ज्यादा कर के दायरे में आएंगे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो