धनतेरस पर सोमवार को देशभर के सर्राफा बाजार की रौनक बढ़ गई है. हर साल की भांति आभूषण विक्रेता अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए खास ऑफर दे रहे हैं. धनतेरस पर अच्छी लिवाली की संभावनाओं से घरेलू वायदा बाजार में भी सोने और चांदी के भाव में तेजी आ गई है. विदेशी बाजार में भी सोने में तेजी देखी गई.
जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, शांतिभाई पटेल ने कहा, "धनतेरस कीमती धातुओं की खरीदारी का सबसे बड़ा त्योहार है. लोग धनतेरस के शुभ-मुहुर्त पर ज्यादा खरीदारी करते हैं. हर साल की भांति इस साल भी हम अच्छी खरीदारी की उम्मीद करते हैं." पटेल ने बताया कि ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आभूषण विक्रेताओं ने धनतेरस पर विशेष ऑफर भी दिए हैं. उन्होंने कहा, "ये ऑफर देश के अलग-अलग बाजारों और ज्वेलरी स्टोर के अनुसार अलग-अलग हैं, लेकिन मेकिंग पर ज्यादातर लोगों ने 50 फीसदी तक छूट की पेशकश की है."
बाजार सूत्रों के अनुसार, अहमदाबाद में 24 कैरट सोने का हाजिर भाव सोमवार को शुरुआती कारोबार में 32,850 रुपये प्रति 10 ग्राम था. केडिया कमोडिटी के निदेशक, अजय केडिया ने कहा कि धनतेरस से पहले सोने और चांदी के दाम में नरमी आने से ग्राहकों का रुझान बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि गिरावट पर खरीदारी बढ़ने से वायदे में भी सोने के भाव में तेजी आई है.
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दोपहर 1.26 बजे घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर सोने का दिसंबर अनुबंध 71 रुपये की तेजी के साथ 31,821 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था. हालांकि इससे पहले के कारोबार में पिछले सत्र के मुकाबले कमजोरी के साथ 31,736 रुपये पर खुलने के बाद सोने का वायदा भाव 31,719 से लेकर 31,835 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. चांदी का भी दिसंबर वायदा अनुबंध एमसीएक्स पर 57 रुपये की बढ़त के साथ 36,677 रुपये प्रति किलोग्राम पर बना हुआ था.
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का दिसंबर वायदा 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ 1,234.30 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ था.
केडिया ने कहा, "महंगी धातुओं के प्रति जो निवेशकों का रुझान घट गया था, वह फिर भूराजनीतिक तनाव के कारण बढ़ने लगा है. इसलिए निवेश के मकसद से भी सोने में खरीदारी बढ़ सकती है."
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शांति भाई पटेल का भी यही अनुमान है कि धनतेरस पर खरीदारी बढ़ेगी, लेकिन वह बताते हैं कि पिछले कुछ सालों के मुकाबले कुल खरीदारी में कमी आ सकती है. पटेल ने कहा, "दरअसल, लोगों के पास नकदी कम है और अन्य उद्योग व कारोबार में भी मंदी का महौल है. इसके कारण महंगी धातुओं की खरीदारी में लोगों की जो दिलचस्पी होती थी, वह नहीं है."
Source : News Nation Bureau