आम आदमी को अगले महीने से एक बड़ा झटका लगने जा रहा है. दरअसल, एक अक्टूबर से टीवी (Television Price) खरीदना महंगा होने जा रहा है. टीवी (TV) के विनिर्माण में उपयोग होने वाले ओपन सेल के आयात पर पांच प्रतिशत सीमा शुल्क (Import Duty) एक अक्टूबर (1 October 2020) से फिर लगाया जाएगा. एक साल की छूट अवधि समाप्त होने के बाद यह शुल्क लगाया जा रहा है. वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने यह जानकारी साझा की है. सरकार ने पिछले साल टेलीविजन के महत्वपूर्ण उपकरण ओपन सेल पर एक साल के लिये यानी 30 सितंबर तक सीमा शुल्क से छूट दी थी. इसका कारण घरेलू उद्योग का क्षमता निर्माण के लिये समय मांगना था.
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दिसंबर 2017 से टेलीविजन के इंपोर्ट पर लगाया जा चुका है 20 फीसदी सीमा शुल्क
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि छूट की अवधि समाप्त होने के साथ ओपन सेल पर 5 प्रतिशत शुल्क एक अक्टूबर से लगाया जाएगा. सूत्र ने आगे कहा कि यह कदम टेलीविजन और उसके कल-पुर्जों के चरणबद्ध विनिर्माण योजना को आगे बढ़ाने तथा सभी उपकरणों के लिये आयात पर निर्भरता में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है. उसने कहा कि भारत में विनिर्माण हमेशा के लिये आयात के दम पर जारी नहीं रह सकता. पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के टेलीविजन आयात किये गये थे. सरकार सीमा शुल्क ढांचे के जरिये टेलीविजन उद्योग की मदद कर रही है. दिसंबर 2017 से टेलीविजन के आयात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया गया है. इतना ही नहीं इस साल जुलाई से टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है.
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टेलीविजन विनिर्माताओं को आयात से पूरी तरह से राहत दी जा रही है. टेलीविजन उद्योग की दलील है कि वह दबाव में है क्योंकि पूर्ण रूप से तैयार पैनल की कीमत 50 प्रतिशत बढ़ गयी है और ओपन सेल पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क से टेलीविजन की कीमत करीब 4 प्रतिशत बढ़ेगी. उनका कहना है कि 32 इंच के टेलीविजन का दाम 600 रुपये और 42 इंच का दाम 1,200 से 1,500 रुपये बढ़ेगा. बड़े आकार के टेलीविजन के दाम में अधिक वृद्धि होगी. वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि प्रमुख ब्रांड 32 इंच टीवी के लिये 2,700 रुपये और 42 इंच के लिये 4,000 से 4,500 रुपये की मूल कीमत पर ओपन सेल आयात कर रहे हैं. एक सूत्र ने कहा कि ऐसे में अगर ओपन सेल पर 5 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है, यह 150 से 250 रुपये प्रति टेलीविजन से अधिक नहीं होगा. उसने कहा कि जबतक ओपन सेल का विनिर्माण घरेलू स्तर पर नहीं होता, विनिर्माण में सही मायने में तेजी नहीं आ सकती.
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सालाना 7,500 करोड़ रुपये मूल्य के कलपुर्जों का होता है इंपोर्ट
उद्योग फिलहाल ज्यादातर कल-पुर्जे आयात कर टेलीविजन की एसेंबलिंग कर रहा है. टीवी विनिर्माता सालाना 7,500 करोड़ रुपये मूल्य के कल-पुर्जें आयात करते हैं. सूत्र ने कहा कि सीमा शुल्क लगाये जाने से घरेलू विनिर्माताओं को ओपन सेल जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों के विनिर्माण को लेकर प्रोत्साहन मिलेगा.