केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी पहल के तहत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) पर खास ध्यान दे रही है. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के छूट दे रही है. वहीं अब बायोडीजल (Biodiesel) को बढ़ावा देने के लिए भी मोदी सरकार ने रोडमैप (Road Map) बना लिया है.
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खाने के तेल से बनेगा बायोडीजल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार नई योजना के तहत खाने के तेल से बायोडीजल (Biodiesel) बनाने पर विचार कर रही है. पहले चरण में मोदी सरकार (Modi Government) देश के 100 शहरों में इसको लेकर प्लांट लगाने जा रही है. अगर सरकार की यह योजना सफल रहती है तो आने वाले दिनों में सड़कों पर घर के तेल से बने बायोडीजल वाहन दौड़ते दिखेंगे. गौरतलब है कि बायोडीजल के इस्तेमाल से पर्यावरण को नुकसान से बचाव तो होगा ही, साथ ही गाड़ियों के इंजन की आयु में भी बढ़ोतरी हो जाएगी. बता दें कि बायोडीजल का BS6 वाहनों में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
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बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ऑयल कंपनियों को बायोडीजल का बनाने को लेकर सभी तरह के मदद का आश्वासन दिया है. 10 अगस्त को 'वर्ल्ड बायोफ्यूल डे' के मौके पर इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BP) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HP) के बायोडीजल से जुड़े प्रोजेक्ट को पेट्रोलियम मंत्री (Petroleum Minister) धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने शुरू किया. इस मौके पर धर्मेंद्र प्रधान ने रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑयल (RUCO) स्टीकर और यूज्ड कुकिंग ऑयल (UCO) के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया.
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बता दें कि इस व्यवस्था के जरिए यह ध्यान रखा जाएगा कि रखी जाएगी कि इस्तेमाल हो चुका तेल दोबारा इस्तेमाल न हो पाए. वहीं इसको लेकर होटल और रेस्टोरेंट्स में स्टीकर भी लगाए जाएंगे. स्टीकर लगाकर होटल-रेस्टोरेंट्स को बताना होगा कि वह बायोडीजल के लिए UCO की आपूर्ति करता है.
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल तकरीबन 2700 करोड़ लीटर खाने का तेल उपयोग में लाया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक हर साल करीब 140 करोड़ लीटर होटल, रेस्टोरेंट और कैंटीन से जमा किया जा सकता है. रेस्टोरेंट और कैंटीन से जमा किए गए 140 करोड़ लीटर खाने के तेल से करीब 110 करोड़ लीटर बायोडीजल तैयार हो सकता है.