कोल इंडिया की हाजिर ई-नीलामी के जरिये कोयला आवंटन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 36.4 प्रतिशत घटकर 1.12 करोड़ टन रह गया. सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कोल इंडिया ने ई-नीलामी के जरिये 1.76 करोड़ टन कोयले का आवंटन किया था. इस योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का कोयला आवंटन सितंबर में घटकर 19.7 लाख टन रह गया, जो 2018-19 के इसी महीने में 25.8 लाख टन था.
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कोल इंडिया की वेबसाइट के अनुसार ई-नीलामी के जरिये कोयला वितरण शुरू करने का मकसद ऐसे ग्राहकों को कोयला उपलब्ध कराना है जो उपलब्ध संस्थागत व्यवस्था के तहत इसे हासिल नहीं कर पाते हैं. ई-नीलामी का उद्देश्य सभी इच्छुक खरीदारों को एक खिड़की सेवा के जरिये कोयला खरीदने को समान अवसर उपलब्ध कराना है. देश के कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में हाजिर ई-नीलामी योजना के जरिये कोल इंडिया का कोयला आवंटन 37.7 प्रतिशत घटकर 3.43 करोड़ टन रहा था.