Coronavirus (Covid-19): सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) के प्रभाव से बाहर निकलने में कम-से-कम 7 से 8 महीने का समय लगेगा. इतना ही नहीं पुनरूद्धार की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि डिजिटलीकरण की दर क्या है और वे किस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के वैश्विक मुख्य अर्थशास्त्री अरूण सिंह ने यह बातें कही हैं. एमएसएमई क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 29 प्रतिशत योगदान है.
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कोरोना वायरस महामारी से MSME सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
उनका कहना है कि कोरोना वायरस महामारी से MSME सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. वेबिनार (इंटरनेट के जरिये आयोजित सेमिनार) को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि एमएसएमई का पुनरूद्धार में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कौन से क्षेत्र में कार्यरत है. उन्होंने कहा कि डिजिटल खंड से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग, दूरसंचार और ई-शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. उन्हें महामारी के दौरान आगे बढ़ने का अवसर मिला है. सिंह ने कहा कि दूसरी तरफ खाद्य, औषधि, आईटी संबद्ध सेवाएं, बैंक, खुदरा, वाहन, रीयल एस्टेट और आभूषण जैसे परंपरागत क्षेत्रों पर मध्यम से उच्च प्रभाव पड़ा है.
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लॉजिस्टिक और गोदाम, मीडिया और मनोरंजन उद्योग की रिकवरी में भी लगेगा समय
डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि इन क्षेत्रों के पुनरूद्धार में छह महीने से एक साल तक का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक और गोदाम, मीडिया और मनोरंजन उद्योग को फरवरी, 2020 के स्तर पर आने में एक साल तक का समय लग सकता है. सिंह ने कहा कि एमएसएमई को पटरी पर आने में औसतन कम-से-कम 7-8 महीने का समय लगेगा.