Coronavirus (Covid-19): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की ओर से लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद अधिकांश राज्य सरकारों ने शराब बिक्री के लिए हरी झंडी दे दी है. आज यानि सोमवार से शराब की दुकानें (Wine Shops) खुलने जा रही हैं. सोशल मीडिया के ऊपर चर्चा है कि राज्यों की अर्थव्यवस्था शराब के ऊपर टिकी है और अगर इन्हें नहीं खोला गया तो काफी आर्थिक नुकसान हो सकता है. ऐसे में इन दावों की कितनी सच्चाई है और राज्यों को शराब की बिक्री से कितनी कमाई होती है. आइए इस रिपोर्ट में जानने की कोशिश करते हैं.
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कई राज्य बना रहे थे शराब बिक्री खोलने के लिए दबाव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडस्ट्री की ओर से शराब की बिक्री को शुरू करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों ने शराब बिक्री को खोलने की वकालत भी की थी. राजस्थान की सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ही आबकारी शुल्क में बढ़ोतरी भी कर दी थी.
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शराब से कैसे होती है राज्यों की आय
जानकारी के मुताबिक स्टेट जीएसटी (State GST), भू-राजस्व, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट या सेल्स टैक्स, गाड़ियों पर लगने वाले टैक्स और शराब के ऊपर लगने वाले एक्साइज से राज्यों को कमाई होती है. शराब के ऊपर लगने वाले एक्साइज टैक्स यानि आबकारी शुल्क राज्यों की कमाई का मुख्य हिस्सा होते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले दिनों राजस्थान की गहलोत सरकार ने शराब के ऊपर लगने वाले एक्साइज टैक्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. राजस्थान में अब देश में निर्मित विदेशी शराब के ऊपर 35 फीसदी से 45 फीसदी तक टैक्स हो चुका है. इसके अलावा राजस्थान में बीयर के ऊपर भी टैक्स को बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है. बता दें कि केंद्रीय जीएसटी में से राज्यों को भी कुछ हिस्सा दिया जाता है. हालांकि कुछ महीने से राज्यों को उनका हिस्सा नहीं मिल पाया है जिसको लेकर राज्यों ने शिकायत भी की है.
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पिछले वित्त वर्ष में सभी राज्यों में शराब की बिक्री से 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अनुमान के अनुसार राज्यों की कुल कमाई यानि राजस्व में 15 से 30 फीसदी हिस्सा शराब की बिक्री से आता है. अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो शराब की बिक्री से राज्य को कुल राजस्व का करीब 20 फीसदी हिस्सा मिलता है. वहीं उत्तराखंड में भी कुल राजस्व में शराब की बिक्री का 20 फीसदी हिस्सा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में सभी राज्यों में शराब की बिक्री के जरिए 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमाई बतौर टैक्स हुई थी. आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में महाराष्ट्र ने 24,000 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश ने 26,000 करोड़, तेलंगाना ने 21,500 करोड़, कर्नाटक ने 20,948 करोड़, पश्चिम बंगाल ने 11,874 करोड़ रुपये, राजस्थान ने 7,800 करोड़ रुपये और पंजाब ने 5,600 करोड़ रुपये का राजस्व शराब की बिक्री के जरिए हासिल किया था. बता दें कि राजधानी दिल्ली ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 5,500 करोड़ रुपये का आबकारी शुल्क प्राप्त किया था.