क्रिप्टोकरेंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर दुनियाभर में काफी उत्साह देखा जा रहा है. आंकड़ों की बात करें तो मार्च 2020 से भारत में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम में 800 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. तो अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश शुरू कर देना चाहिए या फिर किसी और निवेश के ऑप्शन की तलाश करना चाहिए. तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इसका भविष्य क्या है और इसमें निवेश के क्या फायदे हैं.
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बीते बुधवार को बिटकॉइन की कीमत में आया था 4.5 फीसदी का उछाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते बुधवार को बिटकॉइन के दाम में 4.5 फीसदी की रिकार्ड तेजी देखने को मिली थी. बुधवार को बिटकॉइन का दाम 20,440 डॉलर (करीब 15.02 लाख रुपये) के स्तर पर पहुंच गई थी. आपको बता दें नवंबर में बिटकॉइन की कीमत 18 हजार डॉलर के स्तर को पार कर गया था.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है (What Is Cryptocurrency)
आम बोलचाल की भाषा में क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है. क्रिप्टोकरेंसी एक Peer To Peer इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होता है और ऐसा मानते हैं कि इसके जरिए सरकार या बैंकों को बगैर बताए भी काम कर सकते हैं. कूटलेखन तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा किया जाता है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी को हैक करना काफी मुश्किल काम है जिसकी वजह से धोखाधड़ी की संभावना कम रहती है.
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सुप्रीम कोर्ट ने RBI के निर्देश को कर दिया था खारिज
बता दें कि 4 मार्च 2020 को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने भारतीय रिजर्व बैंक के 2018 के एक परिपत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं को स्वीकार कर लिया था, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सेवाएं मुहैया करने पर रोक लगाई गई थी. न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि हमने रिट याचिकाओं को अनुमति दे दी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 4 मार्च के आदेश में RBI के द्वारा जारी उस निर्देश को जिसमें आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं पर क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार करने या उससे संबंधित सेवाएं देने से प्रतिबंध लगा दिया गया था को खारिज कर दिया गया था.
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आरबीआई (Reserve Bank) के 6 अप्रैल 2018 के परिपत्र के अनुसार केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर आभासी मुद्राओं से संबंधित कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक है. क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्राएं हैं, जिनमें मुद्रा इकाइयों के बनाने और फंड के लेनदेन का सत्यापन करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है और यह व्यवस्था केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र रहकर काम करती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून ला सकती है. (इनपुट भाषा)