सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों को बड़ी राहत देते हुए कंपनियों के खाते सीज़ करने का आदेश दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है साथ ही सभी डायरेक्टर्स के व्यक्तिगत संपत्ति को भी अटैच करने को कहा है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ग्रुप कोर्ट के साथ गंदा खेल खेल रही है। कोर्ट ने कहा कि रियल एस्टेट कंपनियां खरीदारों के पैसे को दूसरे प्रॉजेक्ट में लगा रही है जो अपराध की तरह है, इसे बंद होना चाहिए।
कोर्ट ने इसे आपराधिक गबन बताते हुए कहा कि इस तरह के कृत्य में पाई जाने वाली कंपनियों को इसकी सजा मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के चैयरमैन अनिल शर्मा को दिया आदेश कि वो ग्रुप के सभी डायरेक्टर्स के पैन कार्ड और बैंक डिटेल गुरुवार तक उपलब्ध कराएं। गौरतलब है कि गुरुवार को इस मामले की फिर से सुनवाई होनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के रवैये पर फटकार लगाते हुए कहा, 'हमारे धैर्य की परीक्षा न लीजिए।' कोर्ट ने इस मामले में शहरी विकास मंत्रालय के सेकेट्री को भी समन जारी किया है।
बता दें कि आम्रपाली के हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स में निवेश करने वाले खरीदार को पजेशन नहीं मिलने की वजह से हजारों होमबायर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित ने कहा कि कंपनियां होमबायर्स के पैसे को दूसरे प्रॉजेक्ट्स के निर्माण समेत किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं खर्च कर सकती।
बेंच ने कंपनियों, उनके प्रमोटरों और डायरेक्टरों के बैंक खातों को जब्त करने का आदेश देते हुए कहा, 'इस सेक्टर में यह बीमारी प्रचलित है और हम इस बुराई को रोकना चाहते हैं। आप जमाकर्ताओं के पैसे का इस्तेमाल अपनी शान बढ़ाने और बिजनस के विस्तार के लिए करते हैं। आप अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए होमबायर्स के कंधों पर नहीं चढ़ सकते। यह स्वीकार्य नहीं है। यह मुद्दा हमारे दिलों को चीर रहा है लेकिन हमने आपको अपने तौर-तरीको को सुधारने का मौका दिया था पर आप नहीं बदले।'
कोर्ट ने कहा कि जमाकर्ताओं का पैसा उसी प्रॉजेक्ट में खर्च हो, जिसके लिए उन्होंने खर्च किए हैं।
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Source : News Nation Bureau