दिवाली पर शेयर बाजार में मुहुर्त ट्रेडिंग की परंपरा है. कारोबारी मुहूर्त ट्रेडिंग शुरू होने से पहले लक्ष्मी पूजन का कार्यक्रम करते हैं. यह परंपरा काफी समय से चली आ रही है. इस दौरान दोनों शेयर बाजाराें BSE और NSE में शाम को वक्त विशेष ट्रेडिंग सेशन होता है. इस बार दीपावली के दिन 90 मिनट की मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. BSE और NSE एक्सचेंज में इस साल यह ट्रेडिंग डेढ़ घंटे की होगी जो कि 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक चलेगी.
ये है मुहूर्त ट्रेडिंग का कार्यक्रम
-ब्लॉक डील सेशन: 5:00 pm से 5:15 pm तक
-प्री ओपन सेशन: 5:15 pm से 5:23 pm
-सामान्य ट्रेडिंग: 5:30 pm से 6:30 pm
-कूलिंग पीरियड: 6:30 pm से 6:40 pm
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क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा सौ साल से भी अधिक समय पुरानी है और समय के साथ कारोबारियों में इस परंपरा के प्रति श्रद्धा और विश्वास बढ़ता गया. भारत में कारोबारी दिवाली के दिन को नए वर्ष या नव संवत की शुरुआत के रूप में मानते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी काम की शुरुआत का सबसे अच्छा फल मिलता है.
कई तरीके से करते हैं कारोबार
दिवाली को मुहुर्त ट्रेडिंग में आमतौर पर लोग लंबी अविध के लिए शेयर्स की खरीदारी करते हैं. वहीं कुछ लोग इस दिन शेयर खरीद कर बेचना या बेच कर खरीदना भी करते हैं और उसी दिन लाभ कमाने का प्रयास करते हैं. गुजरातियों और मारवाड़ियों के लिए दिवाली से नया वर्ष शुरू हो जाता है. इस दिन पुरानी अकाउंट बुक बंद कर दी जाती हैं और नये संवत की शुरुआत के साथ नई अकाउंट बुक खोली जाती हैं.
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ऐसी है परंपरा
उत्तर भारत के व्यापारी दिवाली से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत करते हैं. धनतेरस और दिवाली के दिन अपनी अकाउंट बुक और तिजोरी की पूजा करते हैं. पूजा से पहले अकाउंट बुक पर एक सिक्का रखा जाता है. यहां सिक्के का महत्व धन से है. ऐसा माना जाता है कि दिवाली पूजा की रात को देवी लक्ष्मी पूजा स्थल पर आती हैं. इसलिए व्यापारी और दुकानदार रातभर दिये और लाइट जलाकर जागते हैं.
Source : Vinay Kumar Mishra