आजकल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को लेकर बीमा कंपनियों ने लोगों को लुभाने के लिए बहुत सी स्कीम ऑफर कर रही हैं. इनमें से एक ऑफर है फ्री हेल्थ चेक अप, लेकिन कंपनियां इस फ्री हेल्थ चेकअप की आड़ में बहुत सी चीजें आपके हेल्थ इंश्योरेंस से गायब कर देते हैं. लोग बीमा कंपनियों के मुफ्त स्वास्थ्य जांच को पॉलिसी के चक्कर में फंसकर ऐसी पॉलिसी ले लेते हैं जिनमें बहुत से हेल्थ कवर होते ही नहीं हैं. आज के दौर में लोग डॉक्टरों की महंगे परामर्श फीस से बचने के लिए ऐसा करवाते हैं जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को मुफ्त स्वास्थ्य जांच वाली पॉलिसी ज्यादा बेहतर दिखाई देती है. वहीं अगर बीमा विशेषज्ञों की मानें तो मुफ्त स्वास्थ्य जांच को ही पॉलिसी खरीदने का पैमाना बनाना सही नहीं है.
स्वास्थ्य बीमा पर एक निश्चित समय के बाद मिलता है लाभ
आमतौर पर बीमा कंपनियां उपभोक्ताओं को मुफ्त स्वास्थ्य जांच का लाभ बीमा पॉलिसी लेने के एक निश्चित समय के बाद ही उपलब्ध करवाती हैं. जबकि अधिकांश कंपनियां यह लाभ पॉलिसी लेने के तीन से चार साल बाद मुहैया कराती है. कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी लेने के साथ ही आपको मुफ्त स्वास्थ्य बीमा लाभ उपलब्ध करवाना शुरू कर देती हैं. लेकिन इस तरह की पॉलिसी का प्रीमियम अन्य बीमा कंपनियों के प्रीमियम से ज्यादा होता है. वहीं, कई बार जितनी राशि की मुफ्त जांच मुहैया कराई जाती हैं, वह परिवार के सभी लोगों के लिए काफी नहीं होता है.
स्वास्थ्य बीमा लेते समय रहें सतर्क
स्वास्थ्य बीमा लेते समय कई कंपनियां हेल्थ पॉलिसी देने से पहले उपभोक्ता के स्वास्थ्य जांच की मांग करती है. इसके पीछे तर्क होता है कि बीमा धारक को पहले से कोई बीमारी हो सकती है. पॉलिसी के समय इसकी जानकारी नहीं होने पर बाद में परेशानी हो सकती है. इसलिए, अगर आप स्वास्थ्य बीमा खरीदने की सोच रहे हैं तो स्वास्थ्य जांच कराएं और अपनी जांच रिपोर्ट को संभालकर रखें ताकि बाद में आपको क्लेम लेते समय किसी तरह की परेशान न उठानी पड़े.
यह भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलियाई विधायक ने की लखनऊ और कैनबरा को 'सिस्टर सिटीज' का दर्जा देने की मांग
स्वास्थ्य बीमा की सुविधाओं पर दें ध्यान
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेते समय मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए कुछ कंपनियां दो साल में एक बार रकम देती हैं. स्वास्थ्य बीमा विशेषज्ञों की माने तो पॉलिसी की इस खूबी से जांच मुफ्त मिलती है, लेकिन इसके आधार पर ही बीमा पॉलिसी न लें. पॉलिसी लेते समय बीमारियों को शामिल न करने की सूची, अस्पताल नेटवर्क, इंतजार की अवधि, दावा प्रक्रिया, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का कवर और रिन्यू जैसी बातों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए.
यह भी पढ़ें- राज्यों को केंद्र से असहमत होने का अधिकार, सीएए के लिए बाध्य नहीं कर सकते : कांग्रेस
बहुत सी कंपनियां कम राशि मुहैया कराती हैं बीमा
बहुत सी बीमा कंपनियां मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए बहुत ही कम राशि मुहैया करती है. अगर, तीन लाख की बीमित राशि वाली फैमिली फ्लोटर हेल्थ पॉलिसी है तो कंपनी मात्र 800 से 1000 रुपये पूरे परिवार की जांच के लिए देती है ऐसे में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आपको बता दें कि ऐसी बीमा पॉलिसी में दूसरी दिक्कत यह हो सकती है कि मुफ्त स्वास्थ्य जांच के लिए बीमा कंपनी जो राशि मुहैया कराती है, वह शुरुआती बीमित राशि पर निर्भर करती है. अगर भविष्य में नो क्लेम बोनस के कारण बीमित राशि बढ़ती है तो मुफ्त स्वास्थ्य जांच की राशि में उसी अनुपात में बढ़ोतरी नहीं होती है.