ट्रंप प्रशासन (US President Donald Trump) ऐसी चीनी कंपनियों (Chinese Companies) पर कड़ी कार्रवाई करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जो अमेरिका में सूचीबद्ध हैं और अमेरिकी ऑडिट प्रावधानों का पालन नहीं करती हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई. वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्ताव के मुताबिक न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज या नास्डैक जैसे अमेरिकी शेयर बाजारों में सूचीबद्ध चीनी कंपनियां अमेरिकी नियामकों के लेखा परीक्षण के अधीन होंगी या उन्हें शेयर बाजार से हटा दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: RBI का फैसला, अब बैंक भी म्यूचुअल फंड के जरिए बॉन्ड में कर सकेंगे निवेश
IPO लाने की योजना बना रही कंपनियों को नियमों का करना होगा पालन
समाचार पत्र ने कहा कि इन नियमों का पालन करने के लिए चीनी लेखा परीक्षकों को अपने लेखांकन के कागजात अमेरिकी सरकार के विशेष ऑडिट नियामक सार्वजनिक कंपनी लेखा निरीक्षण बोर्ड की निगरानी के साथ साझा करना होगा. रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय और प्रतिभूति तथा विनिमय आयोग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जो चीनी कंपनियां अभी तक सूचीबद्ध नहीं हुई हैं, लेकिन अमेरिका में एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की योजना बना रही हैं, उन्हें एनवाईएसई या नास्डैक पर सार्वजनिक होने से पहले इन नियमों का पालन करना होगा.
यह भी पढ़ें: दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस ने बेच दिए अमेजन के इतने अरब डॉलर के शेयर
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी प्रतिभूति तथा विनिमय आयोग के अध्यक्ष जे क्लेटन ने कहा ये सिफारिशें कांग्रेस के कानून के अनुरूप हैं और बराबरी के मुकाबले के महत्व पर केंद्रित हैं. इस संबंध में अमेरिकी सीनेट ने मई में कानून पारित किया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. कानून के अनुसार तीन साल में इन नियमों का पालन नहीं करने वाली चीनी कंपनियों को शेयर बाजार से हटा दिया जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन का ताजा कदम चीनी कंपनियों पर नकेल कसने की कोशिश का हिस्सा है.