बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इलाहाबाद बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में विलय और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्र बैंक, यूनियन बैंक का बैंक ऑफ इंडिया (BoI) में विलय (Merger) से मौजूदा अकाउंट होल्डर (Account holder) को बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. हालांकि खाता धारकों के लिए कागजी कार्रवाई जरूर बढ़ जाएगी. गौरतलब है कि बैंक मर्जर से जुड़े जो भी फैसले लेंगे, उसकी जानकारी ग्राहकों को पहले देंगे.
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चेकबुक और पासबुक फिर से जारी करवाना होगा
अगर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इलाहाबाद बैंक का विलय होता है तो बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इलाहाबाद बैंक के खाताधारकों को नए चेकबुक (Checkbook) और पासबुक (Passbook) बनवाने पड़ेंगे. वहीं दूसरी ओर बैंक ऑफ इंडिया (BoI) में विलय के बाद ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC), आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और यूनियन बैंक के ग्राहकों को भी यही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी. हालांकि बैंक इन कामों के लिए ग्राहकों को पर्याप्त समय देगा.
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एटीएम या डेबिट कार्ड को फिर से जारी कराना पड़ेगा
इस तरह के विलय होने से बैंक के ग्राहकों (Bank customers) का कागजी कार्रवाई (पेपरवर्क) बढ़ जाता है. KYC को फिर से प्रोसेस करना पड़ जाता है. आपका एटीएम या डेबिट कार्ड और पासबुक (ATM & Passbook) फिर से अपडेट (Update) कराना पड़ जाता है. हालांकि बैंकों के विलय (Bank merger) से आपके मौजूदा कर्ज पर कोई असर नहीं पड़ता है. ग्राहकों को पूर्व की ही तरह ब्याज जमा करना पड़ता है. बता दें कि जब किसी बैंक का किसी अन्य बैंक में विलय होता है, तो लोन का पैसा दूसरे बैंक में ट्रांसफर हो जाता है.
HIGHLIGHTS
- विलय के बाद खाता धारकों के लिए कागजी कार्रवाई जरूर बढ़ जाएगी
- खाताधारकों को नए चेकबुक और पासबुक (Passbook) बनवाने पड़ेंगे
- बैंक अकाउंट होल्डर को KYC को फिर से प्रोसेस करना पड़ जाता है