नोटबंदी के बाद दिसंबर महीने में जहां ने छोटी वाहन कंपनियों की बिक्री बढ़ी, वहीं कई प्रमुख कंपनियों की बिक्री में गिरावट देखी गई। लेकिन, इस दौरान टाटा मोटर्स की बिक्री में 2 फीसदी की तेजी आई है।
500 रुपये और 1,000 रुपये की नोटबंदी और ग्राहकों के फिलहाल गाड़ी नहीं करीदने की वजह से प्रमुख वाहन कंपनियों की बिक्री में गिरावट आई है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा लि. (एमएंडएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (वाहन) प्रवीन शाह ने कहा, 'वाहन उद्योग लगातार चुनौतियों से जूझ रहा है, साथ ही इसे नोटबंदी का भी नुकसान झेलना पड़ा है, जिसके कारण खरीदारों ने अपने गाड़ी खरीदने के फैसले को टाल दिया है।'
शाह ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सरकार जीएसटी (वस्तु और सेवाकर) को लागू करने और 1 फरवरी को प्रस्तुत किए जाने वाले बजट में उद्योग के हित में कुछ सही पहल करने से वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।'
निसान मोटर्स ने पिछले माह घरेलू बाजार में कुल 3,711 वाहन बेचे, जबकि एक साल पहले इसी महीने में कंपनी ने कुल 3,065 वाहन बेचे थे।
निसान मोटर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक अरुण मलहोत्रा ने बताया, 'निसान इंडिया ने नोटबंदी की चुनौतियों के बावजूद दिसंबर में सालाना आधार पर 21 फीसदी की विकास दर हासिल की है।'
इसी प्रकार फोक्सवैगन ने दिसंबर में कुल 4,348 वाहनों की बिक्री की, जबकि दिसंबर 2015 में कंपनी ने कुल 2,577 वाहन बेचे थे।
हुंडेई मोटर्स इंडिया की पिछले माह बिक्री में 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और कंपनी ने कुल 5,00,537 वाहन बेचे, जबकि 2015 के दिसंबर में कुल 4,76,001 वाहनों की बिक्री हुई थी।
देश के सबसे बड़े वाहन निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया की दिसंबर में बिक्री में एक फीसदी की गिरावट आई है।
कंपनी के मुताबिक समीक्षाधीन महीने में उसने कुल 1,17,908 वाहन बेचे, जबकि दिसंबर 2015 में कंपनी ने कुल 1,19,149 वाहन बेचे थे।
दोपहिया वाहन निर्माता बजाज ऑटो की बिक्री में दिसंबर में 22 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई और कंपनी ने कुल 2,25,529 वाहन बेचे, जबकि दिसंबर 2015 में कंपनी ने कुल 2,89,003 वाहन बेचे थे।
दोपहिया वाहन निर्माता आइशर मोटर्स ने पिछले महीने कुल 57,398 वाहन बेचे, जबकि दिसंबर 2015 में कंपनी के कुल 40,453 वाहनों की बिक्री हुई थी।
Source : News Nation Bureau